राजनांदगांव। शहर के बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल से लगे मेडिकल काम्प्लेक्स में 3 दिनों पूर्व की अधजली लाश मीलने से मचा हड़कंप। काम्प्लेक्स के जिस हिस्से में लाश मिली वह हिस्सा अस्पताल के ड्राइवरों और कर्मचारियों के आराम करने के लिए बनाया गया है लेकिन मेडिकल काम्प्लेक्स के ऊपर कमरे के बाथरूम में दिव्यांग की अधजली लाश मिलने से प्रश्न खड़े हो रहे हैं। जबकि मृतक कर्मचारी नहीं है।
बता दें कि राजनांदगांव शहर को संस्कारधानी नाम से संबोधित किया जाता है लेकिन आज का वाक्य देखकर ऐसा लगता है जैसे संस्कारधानी में संस्कार ही खत्म हो गया हो। मृतक के अधजली खुली लाश को जिस तरह स्ट्रेचर से पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाया गया। उसे देखकर स्तब्ध होना स्वाभाविक है। लेकिन उससे भी ज्यादा शर्मसार करने वाला दृश्य का वीडियो आप देखेंगे तो निश्चित है कि सवाल खडे करना लाजमी हो जाते है ।
बताया जा रहा हैं कि मृतक के अधजली खुली लाश को पोस्टमार्टम रूम के ठीक सामने आधे घंटे तक ऐसे ही इंतजार करवाना पड़ा और पोस्टमार्टम रूम का मेन गेट बंद पड़ा रहा। जो वीडियो सामने आया है उसमें डेड बॉडी सड़क पर हैं। इस सडक से गुजरने वाले
राहगीर और आने जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी मुंह दबाकर वहां से जाना पड़ रहा है। हो सकता है कि लाश से संक्रमण फैलने का खतरा भी हो ?
पिछले दिनों राजनांदगांव जिले के मेडिकल कॉलेज को शहर के बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल से अलग करके मेडिकल स्थित नई बिल्डिंग में मेडिकल कॉलेज को शिफ्ट करा दिया गया। वहीं जिला अस्पताल में इक्विमेंट और स्टॉप शिफ्ट को लेकर लगातार पर सियासी गलियारों में बयान बाजी देखने को मिल रही थीं। सत्ता पक्ष के लोग इसकी सराहना कर रहे हैं तो विपक्षी जिला अस्पताल का अस्तित्व खतरे में बता रहे थे। लेकिन अब मेडिकल कॉलेज के शिफ्टिंग बाद भी जिला अस्पताल का विवादों और सुर्खियों में रहने का सिलसिला आज भी बरकरार है। शहर के बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल से लगे मेडिकल कॉन्प्लेक्स में 3 दिनों पूर्व की अधजली लाश मीलने से मचा हड़कंप।
कॉन्प्लेक्स के जिस हिस्से में लाश मिली वह हिस्सा अस्पताल के ड्राइवरों और कर्मचारियों के आराम करने के लिए बनाया गया है लेकिन मेडिकल काम्प्लेक्स के ऊपर कमरे के बाथरूम में दिव्यांग की अधजली लाश मिलने से प्रश्न खड़े हो रहे हैं। निश्चित है कि बाहर का कोई आकर सरकारी परिसर में ऐसे लाश के तौर पर मिले तो मॉनिटरिंग करने वाले और संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी क्या कर रहे हैं?