छत्तीसगढ़

लंबित मुआवजा मामलों के निपटारा हेतु समय-सीमा तय करने जिलाधीश को ज्ञापन

रायपुर । लोक निर्माण विभाग द्वारा आरंग तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में बनाये गये 11 सड़कों के‌ लिये जल्द मुआवजा मिलने के आश्वासन पर अपना जमीन दे बैठे 19 ग्रामों के किसान अब वर्षों से मुआवजा के लिये भू अर्जन अधिकारी कार्यालय का चक्कर काट रहे । इनमें से 4 सड़क तो 3 से 7 साल पहले बन चुका है ।

जिलाधीश सौरभ कुमार को बीते कल शुक्रवार को ज्ञापन सौंप किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने किसानों का मुआवजा मामलों को निपटाने समयसीमा तय करने का आग्रह किया है ।

ज्ञातव्य हो कि इन सड़क मार्गों में से आरंग – गुखेरा सड़क सन् 2014 में , छतौना – कुंडा – लखौली मार्ग 2015 में , रसनी – फरहदा मार्ग 2018 में व आरंग – भानसोज मार्ग सन् 2019 में बन चुका है । शेष सड़क नगपुरा – जावा , आरंग – अमेठी , फरफौद – गुखेरा , जोरा – सी आर पी एफ कैंप , चंदखुरी – खौली , रीवा – जरौद व बकतरा – नकटा मार्ग ‌‌‌इसी साल बनकर तैयार हुआ है ।

इन सड़क मार्गों के लिये 19 ग्रामों दरबा , सोनपैरी , अकोलीकला , बोहारडीह , परसट्ठी , बोडरा , छतौना , जरौद , भानसोज , जावा ,सकरी , खमतराई , फरफौद , पिरदा , मुनगेसर , अमेरी , कठिया , रीवा व बकतरा के किसानों का भूमि अधिग्रहित की गयी है ।

क्षेत्र व ग्राम प्रमुखों के समझाइश पर किसानों द्वारा ग्राम व जनहित में कानूनी अड़ंगा न डाल भूमि मुहैय्या कराने और फिर मुआवजा के लिये भटकने से इन प्रमुखों की‌ विश्वसनीयता पर सवालिया निशान खड़ा होने के साथ-साथ शासन – प्रशासन के प्रति भी ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ने की जानकारी देते हुये लंबित मुआवजा मामलों के निपटारे हेतु एक निश्चित समयसीमा तय कर मुआवजा राशि दिलवाने का आग्रह किया है । लंबित मुआवजा मामलों को निपटवाने जिलाधीश ने प्रभावी व्यवस्था का आश्वासन दिया है ।

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