छत्तीसगढ़ में जवानों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, एक नक्सली को घायल, दूसरे मुठभेड़ में मारा गया युवक नक्सली नहीं
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में जवानों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक नक्सली को घायल अवस्था में गिरफ्तार किया है। घायल नक्सली को बीजापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल नक्सली की पहचान बदरू मोडीमय उर्फ डल्ला के रूप में हुई है। घटनास्थल से दो भरमार बंदूक, विस्फोटक और अन्य दैनिक उपयोग का सामान बरामद किया है।
बताया जा रहा है कि जवानों और नक्सलियों के बीच तकरीबन आधे घंटे तक चली गोलीबारी में किसी जवान को नुकसान नहीं पहुंचा है। एएसपी पंकज शुक्ला ने बताया कि तर्रेम क्षेत्र के पेगडापल्ली से कोबरा 210 की गश्त पर निकली थी। उसी दौरान सुकनपल्ली के जंगलों में जवानों और नक्सलियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। इसके बाद नक्सली घने जंगलों का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए। वहीं, एक घायल नक्सली को गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं बीते दिनों नारायणपुर जिले के भरंडा थाना इलाके के जंगल में 25 व 25 जनवरी की दरम्यानी रात फोर्स के साथ मुठभेड़ में मारा गया युवक मोनू नुरेटी के बारे में बताया जा रहा है कि वह नक्सली नहीं था। यह बात जांच के बाद पुलिस ने मान ली है। आइजी सुंदरराज पी ने कहा है कि मृतक के स्वजन को नियमानुसार मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
आइजी ने बताया कि घटना की जांच और तथ्यों की पड़ताल से पता चला है कि मृतक मोनू नुरेटी अपने तीन अन्य साथियों के साथ जंगल में शिकार पर गया था। इसी दौरान रात करीब डेढ़ बजे गश्त पर निकले डीआरजी जवानों का नक्सलियों से मुकाबला हो गया। मोनू और उसके दोस्त मौके पर थे। क्रास फायरिंग में मोनू मारा गया।
ज्ञात हो कि मोनू की मौत के बाद उसके परिवार के लोगों ने फोर्स पर आरोप लगाया था। उनका कहना था कि मोनू खुद फोर्स में भर्ती होना चाहता था। उसने बस्तर फाइटर्स में भर्ती के लिए आवेदन भी किया था। मृतक का बड़ा भाई खुद डीआरजी में शामिल है। स्वजन के मुताबिक कांकेर जिले के घोटिया गांव निवासी मोनू के परिवार को वर्ष 2014 में नक्सलियों ने गांव से भगा दिया था। तब से नारायणपुर के गुडरीपारा में रहते हुए वह लोग भरंडा में खेती किसानी कर जीवन यापन कर रहे हैं। इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए आइजी सुंदरराज पी ने इसकी विधिवत जांच कराई।
सोमवार को पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व विधायक राजाराम तोड़ेम, भाजपा के प्रदेश महामंत्री किरण देव, भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम व भाजपा नारायणपुर जिले के अध्यक्ष बृजमोहन देवांगन मामले की जांच करने भरंडा गए थे। पुलिस अफसरों भाजपा के दल को वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
आइजी ने बताया कि मृतक मोनू व उसके तीन दोस्त जंगल में रात में चिड़िया का शिकार करने गए थे। उनमें से तीन के पास भरमार बंदूक थी जबकि एक के पास तीर धनुष था। मौके पर फायरिंग हुई तो चारों छितर बितर हो गए। वहां नक्सली भी मौजूद थे जिन्होंने फोर्स पर फायरिंग की थी। मुठभेड़ खत्म होने के बाद मोनू का शव व भरमार बंदूक बरामद किया गया तो अनायास ही मान लिया गया कि यह नक्सली है।