छत्तीसगढ़

चंदखुरी में इंजीनियर की हत्या का मामला सुलझा, 30 लाख की फिरौती के लिए किया था अपहरण, 03 आरोपी गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 2 माह पहले लापता हुए इंजीनियर की हत्या का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। 200 सीसीटीवी फुटेज और 500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हत्या का मास्टरमाइंड चंदखुरी गांव का पूर्व पंचायत प्रतिनिधि निकला। उसने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण और फिर 30 लाख की फिरौती की योजना बनाई थी।

दुर्ग आईजी ओपी पाल ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 6 दिसंबर को शिवांग चंद्राकर चंदखुरी स्थित अपने फॉर्म हाउस से लापता हो गया था। वह अपनी मां के घर जाने के लिए बाइक से निकला था, लेकिन घर नहीं पहुंचा। उसकी बाइक फॉर्म हाउस के पास ही मिली थी। मामले में पुलिस ने अशोक देशमुख, विक्की उर्फ मोनू देशमुख व बसंत कुमार साहू को गिरफ्तार किया है।

कंकाल के डीएनए जांच में पता चला-

आईजी ने बताया, आरोपियों ने पहले अपहरण कर फिरौती की योजना बनाई थी, लेकिन तीनों ने मिलकर इंजीनियर की हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को झरझरा पुलिया के पास एक खेत में बने गड्ढे में दबा दिया था। हत्या के करीब 1 माह बाद पुलिस ने यहां से नर कंकाल बरामद किया, जिसके डीएनए जांच में पता चला कि कंगाल इंजीनियर शिवांग चंद्राकर का था।

5 जनवरी को मिला थी खोपड़ी-

शिवांग चंद्राकर के बड़े भाई धर्मेश चंद्राकर ने 5 जनवरी को पुलिस थाना पहुंचकर सूचना दी कि झरझरा पुलिया के पास हरीश साहू के खेत में हार्वेस्टर के चक्के से बने गड्ढे में मानव खोपड़ी घड़ी, कपड़ा व अन्य सामान देखा है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सारा सामान जब्त किया। घड़ी देखकर धर्मेश चंद्राकर ने बताया कि यह शिवांग चंद्राकर की घड़ी है। उसके बाद डीएनए टेस्ट में भी नर कंकाल शिवांग चंद्राकर का होना पाया गया।

कॉल डिटेल से पकड़ा गया आरोपी-

पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि चंदखुरी के पूर्व पंच अशोक देशमुख के साथ शिवांग चंद्राकर के परिवार की पुरानी रंजिश थी। पुलिस ने अशोक चंद्राकर को शक के आधार पर पूछताछ की तो उसने घटना वाले दिन अपने घर पर होने की जानकारी दी।

जब उसकी पत्नी का कॉल डिटेल जांच करने पर पता चला कि वह घर पर नहीं था। उसकी पत्नी ने उसे कई बार कॉल किया, लेकिन वहां कॉल रिसीव नहीं कर रहा था। इसके बाद अशोक देशमुख का झूठ पकड़ा गया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने हत्या का अपराध कबूल कर लिया।

खेत के गड्ढे में छिपा दी थी लाश-

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनका प्लान 30 लाख रुपए फिरौती मांगने का था। योजना के मुताबिक ही वे लोग शिवांग चंद्राकर का इंतजार कर रहे थे। 7:30 बजे शिवांग चंद्राकर फार्म हाउस से निकला तो अशोक देशमुख ने उसे लिफ्ट मांगी। शिवांग चंद्राकर ने अशोक देशमुख को जैसे ही अपनी बाइक के पीछे बैठाया तो उसने उसे कसकर जकड़ लिया।

इस दौरान पार्क में छिपे विक्की देशमुख व बसंत साहू भी पीछे से आ गए। इसी दौरान एक वहां से एक वाहन गुजरा तो आरोपियों ने शिवांग के गले को नायलोन की रस्सी से कस दिया, ताकि वह चिल्ला न सके। गले में रस्सी कस जाने से शिवांग की मौत हो गई।

अशोक देशमुख की कार की डिक्की में शव को डाला गया और हरीश साहू के खेत में बने एक गड्ढे में शव को डालकर मिट्टी और पैरा, पत्थर से दबा दिया। सुबूत मिटाने पैंट शर्ट को जलाया और बाकी सामान तालाब में फेंक दिया था। पुलिस ने कार, बाइक व अन्य सामान जब्त किया है

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