सीमेंट के फटे पुराने बोरियो में वर्मी खाद की बिक्री
तिल्दा। मुख्यमत्री भूपेश बघेल की लोकप्रिय गोधन न्याय योजना की दुर्दशा तिल्दा ब्लाक के कृषि विभाग के कर्मचारी करने में लगे हुए है। विगत दिनों कृषि स्थायी समिति के सभापति एवं किसान नेता श राजू शर्मा के द्वारा तिल्दा ब्लाक के कोहका,देवरी, टोहड़आ, टंडवा, जलसो एवं किरना गांवों के सहकारी समिति एवं गोठान का भ्रमण किया गया।श्री शर्मा के द्वारा सहकारी समितियों में बीज, ऊर्वरक एवं वर्मी खाद के भंडारण एवं उठाव के बारे में समिति प्रबंधक एवं किसानों से चर्चा की गई।भ्रमण के दौरान सहकारी समिति किरना में वर्मी खाद को 20 एवं 25 किलो के सीमेंट के फटे बोरियों में पैक कर किसानों को बेचा जाना पाया गया।जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि वर्मी खाद को 2,5 एवं 30 किलो के नये बोरियों में शासन से स्वीकृत मार्का प्रिंट के साथ बेचा जावे। किरना समिति में 40 क्वि वर्मी खाद का भण्डारण किया गया है जिसमें से 8 क्वि किसानों को बेचा गया है।सहकारी समिति किरना के शाखा प्रबंधक एवं सरपंच से हुई चर्चा अनुसार कृषि विभाग के मार्गदर्शन में वर्मी खाद का पैकिंग व भंडारण किया गया है। किसानों से हुई चर्चा अनुसार कृषि विभाग तिल्दा में पदस्थ अधिकांश कर्मचारी मुख्यालय में निवास नहीं कर 50 से 55 कि मी दूर रायपुर से आना जाना करते है।तिल्दा ब्लाक के मुखिया वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री जी एस यादव स्वयं मुख्यालय में नहीं रहते तथा सप्ताह में एक या दो दिन ही कार्यालय आते है।श्री यादव के द्वारा ना ही फिल्ड का भ्रमण किया जाता है ना ही किसानों से चर्चा। किरना क्षेत्र में पदस्थ श्रीमती अन्नू साहू लंबे समय से मुख्यालय से अनुपस्थित है।उनके द्वारा फोन के माध्यम से ही खाद बीज की जानकारी ले ली जाती है। कृषि विभाग तिल्दा के अधिकतर कर्मचारियों के द्वारा स्वयं का कीटनाशक,बीज एवं खाद का दुकान खोलकर व्यवसाय किया जा रहा है।जोकि सिविल सेवा आचरण नियम के विरूद्ध है।किसानों को समय पर योजनाओं की जानकारी प्राप्त नहीं होने से क्षेत्र के किसान लाभ से वंचित है। श्री शर्माजी जी के द्वारा संबंधित कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर उपरोक्त सभी बिंदुओं पर कलेक्टर एवं सी ई ओ जिला पंचायत से कार्यवाही की मांग की गई है।