तिल्दा । ब्लॉक के सरोरा ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है| कागजो पर विकास कार्य दिखाकर दोनों ने दोनों ने मिलकर फर्जी बिल लगाकर शासन को पिछले 2 सालों में 50 लाख रुपए से भी अधिक का चूना लगाया है।सबसे ज्यादा फर्जीवाडा कोरोना काल में किया गया है | गांव मे क्वारंटाइन सेंटर खोलकर मजदूरों को खाना खिलाने के नाम पर लाखो का वारा न्यारा किया गया है|
14 वें और 15 वें वित्त आयोग के रुपयों को कागजों पर काम बता कर सरपंच ने मनमाफिक|फर्जी बिल लगाकर रुपयों का आहरण कर लाखों रुपए का चुना लगाया गया है।सरपंच पर जब ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो उन्होंने छाती ठोक कर जांच कराने की बात कह दी।उसके बाद ग्रामीण लामबंद हो गए। और आरटीआई लगाकर सारे दस्तावेज प्राप्त कर लिए| ग्रामीणों को मिले दस्तावेजों ने सरपंच और सचिव के द्वारा किए गए काले कारनामे की पोल खुल गई है।इसी संदर्भ में ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर रायपुर से मिलकर मैं सबूत के साथ सरपंच और सचिव के खिलाफ शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की है।कलेक्टर ने ग्रामीणों को सही जांच करने का आश्वासन दिया है।सूचना अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक यदि सही जांच की गई तो सरपंच और सचिव सलाखों के पीछे नजर आएगे |
कलेक्टर रायपुर से ग्रामीणों के द्वारा सरपंच के खिलाफ की गई शिकायत मैं आरोप लगाया है कि सरपंच बिहारी राम वर्मा द्वारा शासन से सी.एस. आर. मद से मिली राशि के दुरूपयोग कर आर्थिक अनियमितता की गई है| इसी तरह ग्राम पंचायत के विभिन्न निर्माण कार्यों में अपने भतीजे प्रेमनारायण वर्मा (दीप ट्रेडर्स) व चहेते ठेकेदार शोभाराम साहू (नुकृति ट्रेडर्स) को लाखों रुपए का भुगतान सीमेन्ट, छड़, गिट्टी खरीदी का दिखा कर लेटर हेड पर किया गया है किसी भी बिल में न तो नम्बर है न ही जी.एस.टी. का भुगतान शासन को किया गया है।
इसी तरह साहू इलेक्ट्रानिक कोउनतीस लाख से अधिक राशि का भुगतान सरपंच द्वारा नगद किया गया है| आर टी आई में मिले दस्तावेज के साथ शिकायत में इस बात का उल्लेख है की गांव के रवि शुक्ला टेन्ट व कैटर्स को इन 19 महीनों में 4,03,026/- राशि का कोविड में प्रवासियों को भोजन व टेन्ट के लिए भुगतान किया गया है| इसमें में पन्द्रह हजार की राशि का एक बिल गांव के सीमा पर रस्सी लगा कर चौकीदारी करने का है, ।
कोविड के दौरान लगभग पचास हजार का मास्क य सेनेटाईजर की खरीदी बताई गई है जबकि स्पंज प्लांट द्वारा सभी सामान डोनेट किया गया है, सूखा राशन बांटने के नाम पर वर्मा किराना, सरोरा से हजारों रूपए का अनाज खरीदी बताया गया है ,पैतालीस रूपए की दर पर आलू खरीदी का फर्जी बिल लगाकर राशी का आहरणकिया गया है |शिकायत पत्र में वर्मा किराना के नाम कोविड के दौरान दुगने दर पर पंचायत को सामान देकर लूटने का भी आरोप लगाकर जांच की माग की गई है। आरटीआई दस्तावेजों में मिली जानकारी के अनुसार गांव और पास के गांव में संचालित तीन स्पंज आयरन संयंत्रों से सीएसआर मद के तहत पंचायत को 40 लाख दिए गए हैं । उस रुपयों में से 29 लाख रुपए सरपंच ने विभिन्न कार्य में खर्च करना बताया गया है
मजेदार बात यह है कि इतने सारे रुपए उनके द्वारा नगद आहरण किए गए हैं। पंचायत में नाश्ता और चाय पर गजाधर होटल निखिलम होटल को लगभग 1 लॉख का भुगतान किया गया है। स्वच्छ भारत शौचालय निर्माण पाइप खरीदी मोटर पंप मरम्मत गलियों में मूंग डालना बताकर फर्जी बिलों के माध्यम से लाखों रुपए का आरंभ किया गया है। पंचायत में जिन दुकानों के नाम के बिल जमा कर रुपए निकाले गए हैं इनमें से ज्यादातर दुकानें सरपंच रिश्तेदारों की है हालांकि या दुकानें भी कागजों पर ही चल रही है ऐसे दुकानदारों के नाम लाखों के बिल जमा किए गए जिनके दुकान में 10 हजार का भी सामान रखा हुआ नहीं है। सरपंच ने कुल ६० लाख का आहरण किया है| ग्रामीणों को अब कलेक्टर की कार्रवाई का इंतजार है।
वर्जन
उधर सरपंच बिहारी वर्मा का कहना है कि मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है जो कार्य मैंने कराया है उन्हीं के बिल मैंने जमा कर रुपए का आहरण किया है।
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सरपंच के द्वारा की गई गड़बड़ी की शिकायत सही पाई गई तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। अभी तक इस संदर्भ में मेरे से कोई शिकायत नहीं की गई है ।
राजेंद्र पांडे.. सीईओ जनपद पंचायत तिल्दा