छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में उठा अनियमित कर्मचारी, संविदा और दैनिक वेतनभोगियों का नियमतिकरण का मुद्दा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। ऐसे में आसार जताए जा रहे थे कि विपक्ष आज सरकार को पूरी तरह से घेरने की कोशिश करेगी। इस बीच आज सदन की कार्यवाही का प्रश्न काल सत्र शुरू हुई। जहां विपक्ष ने सरकार से कई सवाल किये। इस दौरान सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोक भी हुईं। जिसके बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सदन से आज फिर वॉकआउट किया।
वहीं आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने बेरोजगारी का मामला उठाते हुए प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने के संबंध में प्रश्न किया। कौशिक ने पूछा- “प्रदेश में कितने लोगों को शासकीय नौकरी दी गई।“ इसके उत्तर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर देते हुए कहा कि “जनवरी 2019 से 31 जनवरी तक 20,291 लोगों को नियमित नियुक्ति दी गई है।“
वहीं नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने अनियमित, संविदा और दैनिक वेतन भोगियों के नियमित नियुक्ति का मामला उठाया। सदन में अनियमित, संविदा और दैनिक वेतन भोगियों के नियमित नियुक्ति को लेकर बीजेपी ने हंगामा किया।
इस पर सीएम बघेल ने कहा कि सरकार पूरे मामले को लेकर गम्भीर है। समय पर उचित निर्णय लिया जाएगा। अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी के नियमितिकरण को लेकर जीएडी ने विधि विभाग से अभिमत मांगा है। विधि विभाग ने इस संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत प्राप्त होने पर जानकारी देने की बात कही है। इस संबंध में वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव एवं सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है।
9 जनवरी 2020 को बैठक हुई है। बैठक में लिये गये फैसलों के मुताबिक विभागों के अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालय, निगम, मंडल, संस्था में पूर्व से कार्यरत अनियमित दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी चाही गयी है। हालांकि इनका नियमितिकरण कब तक किया जायेगा मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी समय सीमा बता पाना संभव नहीं है। मुख्यमत्री ने बताया कि इन नियमितिकरण की मांगों पर सरकार काफी गंभीर है, इसे घोषणापत्र में इसलिए शामिल भी किया है।
जवाब में मुख्यमंत्री ने कर्नाटक सरकार वर्सेस उमा देवी प्रकरण के जजमेंट का जिक्र दिया। जिसके मुताबिक नियमितिकरण की कार्रवाई की सिर्फ एक बार सरकार कर सकती है। लिहाजा सरकार तथ्यों पर विचार कर कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक विधि का अभिमत नहीं आया है। उन्होंने बताया कि 33 विभागों से अब तक दैनिक वेतनभोगी, अनियमित और संविदा कर्मचारियों की जानकारी आ चुकी है, शेष विभागों की जानकारी जल्द मांगी गयी है। इस मामले में विपक्ष ने सरकार के जवाब से नाराजगी जताते हुए वाकआउट भी कर दिया।