महिला दिवस: छत्तीसगढ़ की ऐसी महिला से मिलें जिन्होंने सैकड़ों महिलाओं को बनाया सशक्त, आज अपने पतियों के कंधे से कंधे मिलाकर चल रही महिलाएं
कोरिया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कोरिया जिले के एक ऐसी महिला से मिलवाने जा रहे हैं जो महिलाओं की सशक्तिकरण और रोजगार को लेकर सालों से मेहनत कर रही है जिसका नतीजा यह निकला कि सैकड़ों महिलाएं घर गृहस्थी के काम के अलावा खेल और अपने पतियों के कंधे से कंधे मिलाकर चल रही है अंतरास्ट्रीय महिला दिवस पर पढ़िए खास रिपोर्ट –
खुदी को कर बुलंद इतना कि ख़ुदा खुद बंदे से आकर पूछे बता तेरी रजा क्या है इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाई है कोरिया जिले के बैकुंठपुर वार्ड क्रमांक 16 में रहने वाली महिला अन्नपूर्णा सिंह ने अन्नपूर्णा सिंह पहले ग्रहणी थी लेकिन उनके मन मे महिलाओं को सशक्त बनाने की चाहत थी जिसके लिए अन्नपूर्णा सिंह ने महिलाओं के घर घर जाकर समझाया उनके पत्तियो को समझाया नतीजा यह निकला कि उनके साथ आज कोरिया जिले के कई ब्लाकों की सैकड़ों महिलाएं जुड़ रोजगार कर आमदनी कमा रही है महिलाएं कहती है पहले घर के चूल्हा चौका में ही समय निकल जाता था आमदनी करने की कभी सोची तक नही थी लेकिन आज अन्नपूर्णा दीदी के पहल से रोजगार के साथ साथ खेल कूद में भी भाग लेने का अवसर मिल रहा है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के उद्देश्य से अन्नपूर्णा सिंह ने क्षेत्रीय विधायक अंबिका सिंह देव की पहल से सालो से बंद पड़े कोरिया में स्थित जामपारा रेशम केंद्र को शुरुआत की गई जिससे महिलाएं रेशम से धागे बनाकर लाखो रुपये आमदनी कर रही है महिलाओं को को सशक्त बनाने का नतीजा यह निकला कि आज अपने वार्ड की पार्षद भी हैं महिला सशक्तिकरण के साथ अब वह अपने वार्ड की समस्याओं को समाधान भी कर रही हैं वही चल सहेली के माध्यम से महिलाओं को आमदनी के अलावा खेल में भी रुचि दिखा रही हैं यही वजह है कि इनसे जुड़ी महिला आज क्रिकेट ,खो खो, कबड्डी जैसे खेलों में रुचि दिखा रही हैं।
एक तरफ जहां महिलाएं अपने घरलू कामकाज में व्यस्त रह कर पूरा जीवन गुजार देती है। ऐसी महिलाओं को उनके घर की दहलीज से बाहर निकाल उनको आत्मनिर्भर बनाने का काम आज अन्नपूर्णा सिंह जैसी महिला कर रही है अंतरास्ट्रीय महिला दिवस पर इन जैसे महिला को सलाम जो समाज मे महिलाओं को सजग और आत्मनिर्भर बनाने के संघर्ष में लगी है।