राजधानी में स्वास्थ्य संयोजकों का जमावड़ा, 15 हजार ज्यादा स्वास्थ्य संयोजक हड़ताल पर
रायपुर। स्वास्थ्य संयोजकों का रायपुर में जमावड़ा शुरू हो चुका है. संयोजकों ने अपने इस आंदोलन को अनिश्चितकाल चलाने का फैसला किया है. स्वास्थ्य संयोजकों ने काम बंद कर बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर सभी अलग-अलग जिलों से रायपुर पहुंचे और अब यहीं धरना दे रहे हैं.
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के बैनर तले यह तमाम कर्मचारी पुरानी बस्ती के धरना स्थल पर जमा होकर सोमवार को नारेबाजी करते दिखे. संगठन से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में इनका विरोध प्रदर्शन और उग्र रूप लेगा.
प्रदेश के अलग-अलग जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम करने वाले ये स्वास्थ्य संयोजक, ग्रामीण और प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में भी काम करते हैं. कोविड-19 टीकाकरण, छोटे बच्चों की बीमारियों से जुड़े रूटीन टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की जांच, टीबी, कुष्ठ रोग, मलेरिया नियंत्रण जैसे कामों में अपनी सेवाएं देते हैं. अब इनके काम बंद कर देने से इस तरह के एक दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट प्रभावित हो रहे हैं. लोगों के पास स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं. इन स्वास्थ्य संयोजकों की सरकार से मांग है कि सरकार ने जन घोषणा पत्र में वादे किए थे उसे पूरा किया जाए।
प्रमुख मांगें…
स्वास्थ्य संयोजकों को वेतनमान 5200 से 20200 ग्रेड पे 2800 रुपए किया जाए.
ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के पद का नाम बदलकर इसे ग्रामीण स्वास्थ्य सहायक अधिकारी किया जाए.
प्रदेश के उप स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कलेक्टर दर पर एक वार्ड बॉय, सफाई कर्मी की नियुक्ति की जाए.
ऑनलाइन डाटा एंट्री के काम के लिए अलग से प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि के तौर पर 5000 दिए जाएं.
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सीएचओ के इंसेंटिव के आधार पर स्वास्थ्य संयोजकों को भी इंसेंटिव दिया जाए.
कोरोना काल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष कोरोना भत्ता दिया जाए.