रायपुर। चिटफंड कंपनियों में पैसे लगाने वाले निवेशकों की राशी की वापसी के लिए कार्रवाई तेजी से जारी है। जिले में ऐसी कंपनियों के संचालकों और कंपनियों की संपत्तियों की पूरी जानकारी प्रशासन द्वारा खंगाली जा रही है। अभी तक चिटफंड कंपनियां बनाकर निवेशकों से बड़ी रकम जमा कराने वाले 14 डायरेक्टरों की गिरफ्तारी रायपुर पुलिस ने कर ली है।
इसके साथ ही निवेशकों की से जमा कराई गई राशी से कंपनियों द्वारा खरीदी गई संपत्तियों की जानाकरी भी जिला प्रशासन तेजी से जुटा रहा है। अभी तक ऐसी 17 कंपनियों की संपत्तियों का प्रशासन ने पता लगा लिया है और इन संपत्तियों को नीलाम कर निवेशकों की राशी लौटाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। चिटफंड कंपनियों के निवेशकों से जिले में 3 लाख 19 हजार 739 आवेदन मिले है। जिला स्तर पर इन आवेदनों की स्क्रुटनी कर ऑनलाइन एंट्री पूरी करी ली गई है। चिटफंड कंपनियों और उनकी संपत्ति की जानकारी रायपुर सहित अन्य जिलों और राज्यों से भी एकत्रित की जा रही है। संपत्तियों की जानकारी मिलते ही उन्हें नीलाम करने की कार्रवाई की जाएगी।
चिटफंड कंपनियों के 14 डायरेक्टर गिरफ्तार-
रायपुर पुलिस ने चिटफंड कंपनियों के 14 डायरेक्टरों को अब तक गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन सभी की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत की गई है। अभी तक साई प्रकाश प्रापर्टी डेवलपमेंट कंपनी, गोल्ड की इन्फावेंचर लिमि. (जी.के. वेंचर) अग्रोहानगर डीडीनगर रायपुर एवं डेसीड बेनीफिट कंपनी लालपुर रायपुर, पी.ए.सी.एल इंडिया लिमिटेड, साई प्रसाद कंपनी, पी.ए.सी.एल इंडिया लिमिटेड पल्स ग्रीन,जी.एन.गोल्ड कंपनी, वसुंधरा रियलकॉन लिमी.कंपनी, बी.एन.गोल्ड, सन साईन इन्फा बिल्ड कार्पाेरेशन लिमीटेड चिटफंड कंपनियों के संचालक मंडल के संदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिय प्रशासन द्वारा अन्य चिटफंड कंपनियों के संचालकों की भी सरगर्मी से पतासाजी की जा रही है।
17 चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की पहचान, नीलामी की कार्रवाई शुरू, दो कंपनियों से चार करोड़ रूपये से अधिक की राशी मिली-
चिटफंड कंपनियों द्वारा लोगों की मेहनत की कमाई जमा कराकर अर्जित की गई संपत्तियों का भी जिला प्रशासन द्वारा तेजी से पता लगाया जा रहा है। प्रशासन ने अब तक 17 चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों का पता लगा लिया है। इन संपत्तियों को प्रशासन द्वारा छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत नीलाम करने की भी प्रक्रिया शुरू की दी गई है। अनियमित वित्तीय चिटफंड कंपनियों पर अपराध पंजीबद्ध होने के बाद पुलिस प्रतिवेदन के अधार पर प्रकरण दर्ज कर प्रशासन द्वारा नीलामी की कार्रवाई की जा रही है। अभी तक दो कंपनियों शुष्क इंडिया कंपनी और देवयानी प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड की संपत्तियों की नीलामी कर चार करोड़ रूपये से अधिक की राशी भी प्रशासन को मिल चुकी है।
इसमें से देवयानी प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति की नीलामी से जिला प्रशासन को 4 करोड़ 14 लाख 92 हजार 500 रूपये मिले है जो कि कलेक्टर कार्यालय की नाजरात शाखा में बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा है। इसी प्रकार शुष्क इंडिया कंपनी की संपत्ति कुर्की से मिली 6 लाख 45 हजार रूपये की राशी दुर्ग जिले निवेशकों को लौटाने के लिए कलेक्टर दुर्ग को दी जा चुकी है। रायपुर जिले में निर्मल इंफ्रा. होम कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल, गुरूकृपा इंफ्रा. रियेल्टी इं. लिमिटेड, गोल्ड की. इंफ्रावेंचर लि. एवं डेसीड बेनीफिट एंड लिमिटेड, गोल्ड रियल स्टेट एलाईड लिमि. और आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड चिटफंड कंपनियों की अब तक ज्ञात संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई जारी है।
सन शाइन इंफ्राबिल्ड चिटफंड कंपनी की संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल नई दिल्ली कोर्ट द्वारा स्टे दिया गया है। इसी प्रकार जे.एस.व्ही.डेव्ह.इ लिमिटेड कंपनी की संपत्ति राजनांदगांव जिले में और मिलियन माइल्स इंफ्रा. एंड डेव्लपर्स लिमिटेड की संपत्ति धमतरी जिले में होने के कारण वहा के जिला कलेक्टरों को कार्रवाई किए जाने के लिए प्रकरण भेजे गए है। किम इंफ्रा. एवं डेव्हलपर्स लिमिटेड एवं नेक्टर कमर्शियल स्टेट लिमिटेड, माईको फा.लि. कंपनी और आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड कंपनी की संपत्तियों की कुर्की के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष न्यायाधीश रायपुर में प्रकरण विचाराधीन है। चिटफंड कंपनी एस.पी.एन.जे लैण्ड डेव्हलपर्स, बी.एन.पी इंडिया, साई प्रकाश प्रापर्टी डेव्हलपर्स लिमिटेड की संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई के लिए रायपुर न्यायालय में प्रकरण चल रहे है।
देवयानी चिटफंड निवेशकों की सही जानकारी के लिए बना वेब लिंक, अब तक 11 हजार 513 निवेशकों से मिली ऑनलाइन जानकारी-
चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों से जिला प्रशासन रायपुर को मिले आवेदनों का सूक्ष्मता से अवलोकन करने के बाद यह पाया गया है कि आवेदनों में विभिन्न प्रकार की जानकारियों का अभाव है, आवेदन अपूर्ण है और जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं है, विशेषकर रसीद की कमी है। जिला प्रशासन द्वारा इन सभी कमियों को दूर करने और निवेंशकों से सही जानकारी लेने के लिए निवेशक न्याय बेव लिंक भी जारी किया गया है। प्रशासन ने इस वेब लिंक के माध्यम से निवेशकों से सही और वांछित जानकारी देने तथा दस्तावेज अपलोड करने कहा है।
देवयानी कंपनी की संपत्ति नीलामी के बाद मिली राशी को भी निवेशकों को वितरण किया जाना है परंतु जानकारी स्पष्ट नहीं होने के कारण व अपूर्ण होने के कारण राशी वितरण में परेशानी आ रही है। ऐसे सभी निवेशकों से वेबलिंक https://niveshaknyay.com/ पर सही जानकारी देने को कहा गया है।
इस लिंक में निवेशकों को पहले पेज में निवेशक का पूरा नाम भरना है एवं अपना वह मोबाईल नंबर भरना है जो संबंधित तहसील कार्यालय में आवेदन करते समय भरा था। इसके बाद निवेशक का पूरा पता एवं जिला भरना है।इसके बाद जमा की गई कुल रकम की जानकारी एवं जमा की गई रकम की जितनी भी रसीद है, उन सबकी एक पीडीएफ फाइल बना कर अपलोड करना है। इसके बाद निवेश की गई रकम की कुल मैच्योरिटी परिपक्वता राशि जिसका बॉन्ड मिला है वो भरना है एवं बॉन्ड की कॉपी की पीडीएफ फाइल अपलोड करनी है।
इसके बाद निवेशक के बैंक का नाम, आई एफ एस सी कोड एवं खाता क्रमांक भरना है एवं साथ ही पासबुक का पहला पन्ना जिसमें निवेशक का नाम, बैंक का नाम, आई एफ एस सी कोड, खाता क्रमांक साफ साफ लिखा हो वो अपलोड करना है। अभी तक देवयानी प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड के कुल 20 हजार 655 निवशकों में से 11 हजार 513 निवेशकों ने वेबलिंक के माध्यम से सही जानकारी प्रशासन को उपलब्ध करा दी है। जल्द ही निवेशकों को राशी वापसी की कार्रवाई शुरू की जाएगी।