छत्तीसगढ़ में गाय चराने वाले बच्चे को पढ़ाने के लिए कलेक्टर ने ली जिम्मेदारी, कहा- “अपना भविष्य संवारने के लिए कलम पकड़ेगा”
नारायणपुर। जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सोनपुर नामक गांव में बीते दिनों आधार कार्ड और राशन कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाया गया था। इस दौरान क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे थे। इसके साथ ही जिले के कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी भी ग्रामीणों से बातचीत करने एवं जायजा लेने पहुंचे थे। इस बीच एक बच्चे ने कलेक्टर से कहा- “साहब मुझे आप जैसा बनना है, सूट-बूट पहनना है, इसके लिए क्या करूं?” इस पर कलेक्टर ने बच्चे से पूछा तुम स्कूल जाते हो क्या? “तो जवाब में बच्चे ने कहा नहीं साहब मैं गाय चराने जाता हूं।“
कलेक्टर ने दी समझाइश :
इसके बाद कलेक्टर ने फ़ौरन उस बच्चे की जानकारी ली। इसके साथ ही बच्चे के पालक से बातचीत की। कलेक्टर ने बताया कि उक्त बालक ओरछा विकासखंड के ब्रेहबेड़ा निवासी है। इस इलाके को अबूझमाड़ कहा जाता है। घर में ढेर सारी गाय और बैल हैं, संजय उन्हें चराने का काम करता है। घर से स्कूल काफी दूर है, इसलिए इसे स्कूल नहीं भेजते।
वहीं पिता ने कलेक्टर से कहा कि यह पढ़ लिखकर क्या करेगा। बच्चे की पिता की बात सुनकर कलेक्टर ने उन्हें समझाइश दी और कहा शिक्षा का अधिकार हर किसी को है। मैं इस बच्चे को पढ़ाऊंगा। आज से यह गाय चराने के लिए हाथों में लाठी नहीं बल्कि अपना भविष्य संवारने के लिए कलम पकड़ेगा।
इसके अलावा कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि संजय का स्कूल में एडमिशन उसके पसंद और नजदीक के स्कूल में कराएं, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या न हो। कलेक्टर ने संजय के स्वास्थ्य को देखते हुए उसका उचित उपचार करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।