मरवाही जिला। जिले के मरवाही वनपरिक्षेत्र से लगे जंगल में वन्यजीव सुरक्षित नहीं है। इनसे सटे गांव-कस्बों के लोग आए दिन हिरणों की लाशें देखते हैं। लेकिन, सरकारी तंत्र मानों आंख मूंदे बैठा है, आखिर क्यों हिरणों का शिकार हो रहा है और वे कब तक बेमौत मरते रहेंगे?
बता दें कि दानिकुंडी गांव के चरागाह क्षेत्र में बीते मंगलवार की दोपहर कुत्तों के हमले से एक और हिरण की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि जंगल में दोपहर को हिरण विचरण कर रहा था इसी दौरान कुत्तों ने हिरण का पीछा किया और उसे जंगल में घेर कर मौत के घाट उतर दिया। सूचना पाकर चौकीदार मौके पर पहुंचे है और हिरण के शव को अपने कब्जे में ले लिया।
महीनेभर में 3-4 हिरणों की मौत :
मरवाही वन परीक्षेत्र दानी कुंडी में एक महीनों में तीन से चार हिरण की मृत्यु खबर सामने आ चुकी है। एक तरफ जहाँ वन विभाग जगह-जगह स्लोगन लिख कर वन्य जीवों को संरक्षित करने की बात कर रहा है, लेकिन शायद वन्य प्राणियों पर अमल करना भुल गया है। तभी तो इन दिनों विभाग की लापरवाह रवैये के चलते वन्य जीव बेमौत मारे जा रहे है, जिसको लेकर ना तो विभाग गम्भीर है ना ही प्रशासन।