महानदी मुख्य नहर को ब्लॉक करने से किसानों का पूरा फसल बर्बाद, 50 हजार मुवावजा के लिये सौंपा ज्ञापन
आरंग। नया रेलवे पुल निर्माण के लिए लखोली में फसल कटाई के पूर्व महानदी मुख्य नहर को पूरी तरीके से ब्लॉक कर दिया गया था, जिससे 8 गांव के किसानों का फसल नहर पानी से सिपेज के कारण नुकसान हो गया, इसमें अनेक बार शिकायतों के बाद भी नहर की बधानी को नहीं खोला गया, जिससे तैयार फसल सड़ गया अंत में किसानों ने शासन प्रशासन के रवैया को देखते हुए 29 नवंबर 2021 को रेल रोको आंदोलन करने का निर्णय लेकर शासन-प्रशासन को मेमो सौंपा, जिस के तत्काल बाद ही उसी रात को बधानी को खोल दिया गया ।
एवं पंचनामा में यह तय किया गया कि 15 दिन के अंदर सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाएगा जिसमें किसानों ने 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा की मांग की है, जिसके बाद सिंचाई विभाग द्वारा सर्वे कराया गया सर्वे पूरा कराने के बाद यह बोला गया कि हमारा सर्वे मान्य नहीं है तो हम राजस्व विभाग से सर्वे करायेगे और मुआवजा वही देगा, जिसके बाद एसडीएम ने पटवारियों के माध्यम से सर्वे कराया और सर्वे कराकर पुन: सिंचाई विभाग को जानकारी भेज दिया है, 8 अप्रैल 2022 के अनुसार सिंचाई विभाग से वह दस्तावेज कलेक्ट्रेट भेज दिया गया है, जिसमें आरबीसी 6-4 के अंतर्गत मुआवजा देने संबंधित उल्लेख है जबकि किसान 50000 प्रति एकड़ की मांग कर रहे हैं व किसानों के मुआवजा संबंधित मांग एवं दस्तावेज को इस विभाग से उस विभाग भेज कर किसानों को मुआवजा से वंचित रखा जा रहा है, विलंब किया जा रहा है।
इस संबंध में रायपुर कलेक्टर महोदय को आरटीआई से निकाले गए सिंचाई विभाग के सर्वे की सूची एवं राजस्व विभाग के सर्वे की सूची ज्ञापन में सौप कर शीघ्र किसानों को मुआवजा दिलाने का मांग किया गया है, जिसमें कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन से मुआवजा दिलाने की बात कही है।
ज्ञापन सौंपने छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य पारसनाथ साहू, गजेंद्र सिंह कोसले एवं झनक राम आवडे के साथ अन्य किसान उपस्थित रहे।