छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर, इधर पूरा काम ठप, मुख्यमंत्री से लगाई गुहार…
गरियाबंद। प्रदेशभर में मनरेगा कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे है। इसकी वजह से मनरेगा के सभी काम बंद पड़े हुए है। गरियाबंद में भी मनरेगा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए है और राज्य सरकार से मांगे जल्द पूरी कराने नारेबाजी कर रहे है। कम वेतन की मार झेल रहे ये मनरेगा कर्मचारी पिछले 3 वर्षों से वेतन बढ़ने का इंतजार कर रहे है। राज्य सरकार को वादा याद दिलाते उग्र आंदोलन की ओर लगातार अग्रसर हो रहे है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों दंतेवाड़ा से मनरेगा कर्मचारी 42 डिग्री तापमान में पदयात्रा कर राजधानी पहुंचे थे। छतीसगढ़ में मनरेगा अंतर्गत कार्य करने वाले 15 हजार कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे है। कर्मचारियों का कहना हैं कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले सभी कर्मचारियों से नियमितिकरण और वेतन बढ़ाने का वादा किया था।
लेकिन साढ़े तीन साल व्यतीत होने के उपरांत भी मनरेगाकर्मियों से किया गया वादा पूरा नहीं किया गया है। जिसकी वजह से सभी कर्मचारियों को प्रदर्शन करना पड़ रहा है। महात्मा गांधी नरेगा योजना में कार्य करते कर्मचारियों को 10-15 वर्ष बीत गए लेकिन इन्हें प्रतिवर्ष अपनी सेवावृद्धि के लिए अपने आला-अफसर की इच्छा पर निर्भर रहना पड़ता है।
भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय, नई दिल्ली के द्वारा विभिन्न वर्षों में महात्मा गांधी नरेगा के उत्कृष्ठ क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को कुल 9 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। जो मनरेगा के अधिकारी कर्मचारियों की मेहनत और योजना के प्रति समर्पण का साक्ष्य हैं। इतने समर्पण होने के बाद भी वर्षों से वादों के अनुरूप नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं। सभी ने सीएम भूपेश बघेल से जल्द ही मांगे पूरी करने की मांग की है।