जांजगीर-चांपा। जिले से एक बड़ी दर्दनाक घटना सामने आई थी जहां आरोपी ने अपने ही रिश्तेदार की चार साल की बेटी के साथ दुष्कर्म (rape) की घटना को अंजाम दिया था। पीड़िता (victim) का पिता अपनी चार साल की बेटी (Daughter) के साथ रिश्तेदार (Relative) के घर गया था जहां आरोपी और पीड़िता के पिता ने मिलकर शराब (Liquor) पी। शराब पीने के बाद आरोपी ने पीड़िता के पिता से और शराब लाने के लिए कहा जिसके बाद पीड़िता का पिता और शराब लेने चला गया।
इसी दौरान आरोपी ने मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। जब उसका रिश्तदेार लौटा तो पीड़िता ने घटना की जानकारी दी। घटना के बाद रात में ही आरोपी का रिश्तेदार अपनी बेटी को लेकर पामगढ़ थाना रिपोर्ट लिखाने गया था। पुलिस ने अपराध दर्ज कर घटना स्थल को सील किया और आरोपी को पकड़ भी लिया था। दूसरे दिन पीड़िता का मुलाहिजा हुआ जीसके बाद डॉक्टरों ने भी बच्ची के साथ रेप होने की पुष्टि की।
अलेकिन कोर्ट में गवाही के दौरान पिता अपने बयान व रिपोर्ट से मुकर गया। उसने कोर्ट में बयान दिया कि उसने आरोपी से समझौता कर लिया है और कोई सजा नहीं चाहता। उसके इस बयान के बाद कोर्ट ने उसके लिए पक्षद्रोही शब्द का प्रयोग किया है। पिता के अपनी रिपोर्ट व बयान से मुकरने के बाद भी पुलिस ने अपनी विवेचना व डॉक्टरी परीक्षण व साइंटिफिक जांच से यह साबित कर दिया कि आरोपी ने चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया था।
इसलिए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो खिलावन राम रिगरी ने आरोपी को सजा देते समय लिखा है कि अभियुक्त का शेष प्राकृत जीवन काल के लिए कारावास होगा। आरोपी को 50 हजार जुर्माना किया है।
आरोपी धनंजय भारद्वाज ने कोर्ट में खुद को शुगर पेशेंट बताते हुए संभोग करने में अक्षम बताया था, लेकिन वह इसके लिए साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। जांच करने वाले पामगढ़ सीएचसी के डॉक्टर ने उसे शारीरिक रूप से संभोग के लिए सक्षम बताया ।
आरोपी पीड़िता के पिता का रिश्तेदार इसलिए मुकरा कोर्ट में
आरोपी धनंजय भारद्वाज पीड़िता के रिश्तेदार का पति है। जिस दिन घटना हुई तब उसने कड़ी सजा की मांग की थी, लेकिन समय बीतने पर वह मुकरने लगा। कोर्ट में उसने यह माना कि आरोपी उसका रिश्तेदार है, इसलिए वह सजा नहीं चाहता, पर वह अपने रिश्तेदार को बचा नहीं सका। पैरवीविशेष लोक अभियोजक पॉक्सो चंद्रप्रताप सिंह ने की।