छत्तीसगढ़ में CISF भर्ती धांधली में पकड़ाया अंतर्राज्यीय गिरोह, एक अभ्यर्थी से करती थी 5 लाख की डील
दुर्ग। जिले की पुलिस ने CISF की आरक्षक भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी समेत 6 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(CISF) आरटीसी भिलाई में भर्ती बोर्ड आरक्षक जीडी 2021 की परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी की थी। ये भर्जी दस्तावेज लेकर परीक्षा में शामिल हुए थे, मगर पकड़ लिए गए हैं।
आरोपी इसके बदले दूसरों से लिखित और शारीरिक परीक्षा करवा रहे थे। गिरफ्तार किए गए 2 दलाल और 4 फर्जी उम्मीदवार शामिल हैं। चार अभ्यर्थियों के स्थान पर मुन्ना भाई शारीरिक परीक्षा में बैठने के लिए सीआईएसएफ कैंप पहुंचे थे। उताई पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
मामले का खुलासा करते हुए एसपी दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि, उतई थाने के एसआई लोकेश कुर्रे ने मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल आरटीसी भिलाई में भर्ती बोर्ड आरक्षक जीडी 2021 की परीक्षा 18 मई 2022 को हुई थी।
परीक्षा के दौरान अभ्यार्थीयों का बायोमेट्रिक टेस्ट लिया गया था। उस दौरान पहुंचे अभ्यर्थियों का फिंगर प्रिंट और फोटो का मिलान किया गया तो वह मेल नहीं हुआ। इसके बाद आरोपियों को पकड़ा गया था। बाद में इस भर्ती बोर्ड की परीक्षा में धोखा देकर शामिल होने की शिकायत दर्ज कराई गई। उतई पुलिस ने धारा 419, 420, 467, 468, 120बी के तहत मामला दर्ज किया।
इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
उतई पुलिस ने मामले में ताज गंज जिला आगरा उत्तर प्रदेश निवासी चन्द्रशेखर पिता भवर सिंह (20 वर्ष), उमरायपुरा थाना पिठोरा जिला आगरा निवासी श्याम वीर सिंह निषाद पिता बंसी लाल (20 वर्ष), रामपुर थाना निवोहरा जिला आगरा निवासी महेन्द्र सिंह पिता स्व0 भजन लाल (19 वर्ष), ग्राम ऐतमापुर अजनेरा थाना समसाबाद जिला आगरा निवासी अजित सिंह पिता महाराज सिंह उम्र (19 वर्ष), खान्द कपरा थाना अम्बा जिला मुरैना मध्य प्रदेश निवासी दुर्गेश सिंह तोमर पिता रामशिया तोमर (31 वर्ष) और रामनरी थाना फिडोरा जिला आगरा निवासी हरीओम पिता राम दत्त (25 वर्ष) को हिरासत में लिया है।
भर्ती के लिए एक अभ्यर्थी से हुई थी 5 लाख रुपए लेने की बात
पुलिस की पूछताछ में मामले के मुख्य आरोपी दुर्गेश सिंह तोमर उर्फ ब्रिजेष उर्फ झाड़ी और हरीओम ने बताया कि सीआईएसएफ में भर्ती कराने के लिये उन्होंने हर एक अभ्यर्थी से 5-5 लाख रुपए लेने का सौदा किया था। इसके बाद उन्होंने हर एक अभ्यर्थी के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किए और अपने लोगों को परीक्षा देने के लिए परीक्षा सेंटर में भेजा था। उन्होंने अभ्यर्थियों को आगरा से किराये के बोलेरो में भेजा था। पुलिस ने आरोपियों के पास से छग का स्थायी निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड भी जब्त किया है। इसे भी फर्जी तरीके से तैयार किया गया था। पुलिस ने सभी आरोपियों को को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।