राजधानी में दीक्षांत समारोह बना कुलपति के गली की हड्डी, मुख्यमंत्री को आमंत्रण नहीं … कितनो को मिलेगी डिग्री अब तक तय नहीं? कुलपति पर लगे गंभीर आरोप
रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का पांचवा दीक्षांत समारोह 30 मई को आयोजित किया जा रहा है। मगर हर बार की तरह इस बार भी कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय कार्यक्रम के पहले विवादों में घिरा हुआ है. ये कोई नई बात नहीं है जब विवि को लेकर छात्र नेताओं ने कोई बखेड़ा खड़ा किया होगा।
यहां कभी विभागाध्यक्ष की डिग्री फर्जी होने की बात सामने आती है तो कभी किसी विभाग से सेटिंग के जरिये किसी खास को लाभ दिलाने की कोशिश की जाती है. अब दीक्षांत समारोह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आमंत्रित नहीं करने पर छात्र नेताओं ने बवाल खड़ा कर दिया है.
छात्रों ने कुलपति पर लगाया संघी रवैया अपनाने का आरोप
वर्तमान में विवि के कुलपति का पद बलदेव भाई शर्मा (Baldev Bhai Sharma) संभाल रहे है. इनकी नियुक्ति से लेकर इनकी जॉइनिंग तक विवि कैंपस में ही भारी बवाल मचा था। यहाँ तक की इनके काम को लेकर भी कई बार सवाल उठ चुके है. कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन वेबिनार में कुछ आपत्तिजनक लोगों को बुलाने पर एनएसयूआई(NSUI) के छात्र नेताओं ने नारेबाजी कर इनपर संघ की मानसिकता बच्चो पर थोपने का आरोप लगाया था.
ये है दीक्षांत में आने वाले अतिथियों की लिस्ट
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का पांचवा दीक्षांत समारोह 30 मई को आयोजित किया जा रहा है. इसमें शामिल होने वाले अतिथियों की लिस्ट में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ही नाम शामिल ही नहीं है. जिससे नाराज हो कर छात्र नेता हनी बग्गा ने बताया की कुलपति बलदेव भाई शर्मा से जो भी कुलपति रहा है उन सब ने हर एक छात्र को ध्यान में रख कर काम किया है, मगर ये सिर्फ अपनी मनमानी चल रहे है.
क्या इस बार सिर्फ गोल्डमेडलिस्ट ही होंगे सम्मान के हक़दार ?
हर साल कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सभी बच्चों को स्टेज पर बुला कर सम्मनित किया जाता है मगर इस बार ड्रेस के पैसे तो लिए मगर ये तय नहीं हुआ है की कितनो को स्टेज तक जाने का मौका मिलेगा। छात्र नेता हनी बग्गा ने बताया है की कुलपति अपनी ही बात पर अड़े हुए है उनको इस बात से मतलब ही नहीं है की पहले विवि में किस तरह से दीक्षांत होता था. हनी ने आरोप लगाया है की कुलपति संघी मानसिकता के चलते इस तरह का दोहरा रवैया अपना रहे है. छात्रों के हित में कदम उठाना तो दूर छात्रों से मिलते तक नहीं है और ऐसा ही हाल यहाँ के कुलसचिव का भी है.
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पदस्थ एक टीचर ने हमसे बात करते हुए इस मामले पर साफ़ कहा है की
विवि में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. बच्चों की पढाई लिखाई पर कुलपति का ध्यान ही नहीं है. कुछ विभाग में सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर अटेंडेंस भरा जा रहा है और क्लास में ना बच्चें होते है ना ही टीचर। फिर भी कुलपति अपनी चहेते टीचरों को उनकी मनमानी करने दे रहे है. वही उन्होंने साफ़ कहा की ‘मैं भी मीटिंग में मौजूद था, मगर कुलपति पुराने तरीकों को छोड़ कर अपनी बात पर अड़े हुए है, उन्हें सिर्फ अपनी वाह वाही सुनना और अपनी ही बात लोगों को मनवाना पसंद है’
सिर्फ इतना ही नहीं टीचर ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा है की ‘कुलपति ने पदभार संभालने के बाद छात्रों के लिए क्या किया अगर कोई पूछता है तो सिर्फ कोरोना काल का हवाला दे कर निकल जाते है’