छत्तीसगढ़

कूट रचित दस्तावेज बनाकर पटवारी ने दलालों के साथ मिलकर बेची जमीन, कलेक्टर ने दिये जांच के आदेश

तिल्दा /खरोरा ।प्रार्थी जहां स्थानीय जनप्रतिनिधि होने के बावजूद अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है, वही आम नागरिक इस खबर से हैरान है कि ज़ब एक शिक्षीत जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा धोखा किया जा सकता है तो आमजन की बात ही छोड़ दीजिए, क्योंकि ग्राम पंचायत पचरी सरपंच अभिषेक वर्मा के पिता भरत भूषण वर्मा की लगभग एक एकड़ खेत को गांव के जमीन दलाल एवं पटवारी सांठगांठ कर फर्जी तरीके से रायपुर निवासी प्रहलाद वर्मा को बेच दिया है,जिसकी शिकायत खरोरा तहसीलदार कृष्ण कुमार साहू से किया गया, लेकिन इतने बड़े जमीन के अवैध बिक्री की पूर्ण जानकारी के बावजूद जिम्मेदार कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं किया गया। जो आज के समय की भ्रष्ट राजस्व व्यवस्था का प्रमाण है।

ज्ञात हो कि आये दिन खरोरा क्षेत्र में लगातार जमीन हेरा – फेरी का मामला सामने आ रहा है यहां जमीन दलालो की एक अलग ही कहानी है, ताजा मामला ग्राम पचरी का है जहां भारत भूषण वर्मा की जमीन को बिना सहमति लिए दूसरे के अधिकार क्षेत्र में दे दिया गया। जिसपर पिछले 60 वर्षों से भारत भूषण वर्मा और उसके परिवार के लोग इस जमीन पर खेती कर रहे हैं,एक माह पूर्व बेची गई जमीन का खसरा क्रमांक निकाल कर उसकी नकली दस्तावेज बनाकर छड़िया पटवारी रामशरण साहू पदस्थ हल्का नंबर 30 ने दलाल सुरेन्द्र वर्मा और बलराम वर्मा के साथ मिलकर खसरा नंबर 836 रकबा 0.352 हेक्टेयर जमीन को रायपुर निवासी प्रहलाद वर्मा को बेच दी। प्रार्थी द्वारा उचित कार्यवाही की मांग को लेकर यह मामला पहले तहसीलदार के पास ततपश्चात् रायपुर कलेक्टर सौरभ शर्मा के संज्ञान में रखा गया, जहां शर्मा जी द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच कर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है ।

इसी कड़ी मे छडिया सरपंच आशीष वर्मा (उपाध्यक्ष सरपंच संघ रायपुर जिला )द्वारा भी पटवारी के खिलाफ किसानो से पैसा लेने व अपने पद का गलत फायदा उठाने को लेकर भी आरोप तथा शिकायत प्रेषित किया गया है वहीं अन्य ग्रामीण जन की भी शिकायत है कि पटवारी शासकीय भवन में नहीं बैठ कर निजी भवन में बैठता है ,जिससे किसानों को काम करवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पटवारी कब आ रहा है कब जा रहा है किसी को कुछ पता ही नहीं चलता।

पटवारी सभी कार्यों को करने के लिए लोगों से भारी मात्रा में पैसा भी वसूलता है अर्थात स्वयं एक दलाल की भांति भक्षक बना बैठा है जो किसानो का हितैसी होना चाहिए,ऐसे भ्रष्ट शासकीय कर्मचारियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए जिससे अन्य कर्मचारी ऐसे कदम उठाने से डरे और किसान के चिंता का समाधान हो तथा व्यवस्था पर विश्वास बना रहे क्योंकि जनता का काम इन जैसे भ्रष्ट लोगो के कारण ही रुक जाता है और लोग अपना काम करवाने इधर से उधर भटकते रहते हैं तथा समाज मे उपस्थित इन जहरीले साँप के मुंह मे अपना हाथ डाल देते है और शिकार बन जाते है।

अगर ऐसे ही पटवारियों का चलता रहा तो बहुत जल्द ही जनता का पूरे शासकीय कर्मचारी जो कि ईमानदार है अपना कर्तव्य समय सीमा पर पूर्ण करते है उनसे भी विश्वाश उठ जाएगा। जो शासन प्रशासन के लिए एक चुनौती है, अब देखना होगा इस मामले पर प्रसासन किस तरह कार्यवाही कर अपना लोगो के प्रति दायित्व निर्वहन करते है ।

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