सोसायटियों में दिया जा रहा है खाद के नाम पर कंकड़ मिट्टी युक्त नकली मिलावटी खाद
आरंग। जहाँ एक ओर छ. ग. सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए धान को 2500 रु में खरीद रहे हैं, नरवा गरवा घुरवा बारी के माध्यम से किसानों की गोबर को भी खरीद रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यहीं गोबर किसानों का जीव का जंजाल भी बन गया है, क्योंकि गौठान समितियां वर्मी एवं सुपर कंपोस्ट खाद के नाम पर मिट्टी, मुरुम एवं चमार गोटा से भरा बोरी को दे दे रहे हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
ताजा मामला गौरभाट सहकारी समिति का है, जहाँ का गुणवत्ता हीन कंपोस्ट खाद का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।जिसमें किसानों का कहना है कि जबरन कम्पोस्ट खाद के नाम पर मिट्टी कंकड़ रहित नकली खाद को किसानों को थोपा जा रहा है । जिससे अंचल के किसानों मे भारी आक्रोश व्याप्त है। जबरिया कम्पोस्ट खाद के नाम से किसानों को लादन लादा जा रहा है एवं कर्मचारियों से बात करने पर स्पष्ट बताते हुए कहते है कि सरकार का आदेश का पालन कर रहे हैं। वहीं भाजपा का कहना है कि हम सरकार से मांग करते हैं कि गुणवत्ता हीन कम्पोस्ट खाद को भोले भाले किसानों को देना बंद कर ,ऐसे तुगलकी फरमान वापस लिया जाये। इसे ऐच्छिक रखे। एवं घटिया किस्म के खाद 1सप्ताह के अंदर वापस नही होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई।