छत्तीसगढ़

नगर पंचायत बनते ही समोदा में भू-माफिया हुये सक्रिय शासकीय जमीन पर अधिया में बना रहे कॉम्पलेक्स एवं मकान

आरंग। आरंग विधानसभा के स्थानीय विधायक एवं नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने ग्राम पंचायत रहते बड़े गांवों का ठीक से विकास नहीं होते देख उनको नगर पंचायत का गठन कर दिया, जिसमें से एक समोदा नगर पंचायत भी है, लेकिन जैसे ही समोदा नगर पंचायत बनने की घोषणा हुई, रातो-रात भू-माफिया सक्रिय हो गये और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से सरकारी जमीनों को 40 से 80 साल पुराना कब्जा बताकर एवं अधिया में मकान, दुकान एवं कॉम्पलेक्स बना रहे हैं, वहीं जितने भी समोदा में घुरवा है वह भी अधिया में मकान एवं दुकान बन चुके है और बहुत सारे निर्माणाधीन है।

कैसे चल रहा है अधिया का खेल ?

ग्रामीण शासकीय जमीन पर कब्जा कर लेते है लेकिन उस जगह पर निर्माण करने की हिम्मत या धन नही जुटा पाते है भू-माफिया उनको कहते है मै आपको कॉम्पलेक्स, दुकान या मकान बना कर दूंगा, उसका आधा मेरा रहेगा आधा आपका जैसे कि कॉम्पलेक्स में अगर 10 दुकान है तो 5 दुकान कब्जा करने वाले की और 5 दुकान बनाने वाले की होगी।

नोटिस भेजने पर देते है धमकी

नगर पंचायत के कर्मचारियों व अधिकारी ने बताया कि अवैध निर्माण की जानकारी होने पर हमने सभी अवैध कब्जाधारियों को नोटिस देकर बुलाया जाता है और हाथ जोड़कर विनती के साथ समझाईस दिया जाता है कि अवैध कब्जा छोड़ दें। लोग सहमति जताते हुये पंचनामा मंे अवैध कब्जा छोड़ने की बात लिख कर हस्ताक्षर कर चले भी जाते है, लेकिन गुरू मंत्र मिलते ही फिर से अवैध निर्माण शुरू कर देते हैं, वहीं कर्मचारियों एवं अधिकारी द्वारा ज्यादा दबाव बनाने पर देख लेने की धमकी देते हैं या पैसा मांगने का झूठा आरोप लगाकर शिकायत कर देते है, जिससे कर्मचारी थोड़ा सहमे हुये नजर आते है, वहीं कर्मचारियो को देखकर अवैध कब्जाधारी हंसते हुये कहते हैं कि आपके सामने निर्माण कर रहे है, जो उखाड़ना है उखाड़ लो।

अवैध कब्जाधारी नौटंकी करने में है आगे

लोगो से चर्चा करने पर पता चला कि जब भी मंत्री जी का दौरा रहता है, अपने आपको बहुत गरीब बताने के लिये बहुत ही फटे पुराने कपड़े को पहनकर मंत्री जी के पास पहुंच जाते है और अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बेवजह परेशान करने का आरोप लगाते हुये मदद की गुहार लगा देते है।

शासकीय योजनाओं के लिये नहीं है जगह

नगर पंचायत में अभी गार्डन, विभिन्न समाज एवं सर्व समाज के लिये बड़े-बड़े भवनों की आवश्यकता होगी। वक्त के अनुसार बहुत सारी योजनाओं को लागू करना है, जिसके लिये सरकारी जमीन की आवश्यकता होगी, मगर अवैध कब्जाधारियों की वजह से अभी वर्तमान में योजनाओं को लागू करने के लिये जगह नहीं है, भविष्य की योजनाओं को तो छोड़ ही दीजिये।

अवैध निर्माण पर जल्द लगाम लगाने की है जरूरत

नवीन नगर पंचायत समोदा में अपार विकास की संभावनाएं है लेकिन इसके लिये बहुत ज्यादा शासकीय जमीन की जरूरत पडे़गी जो अभी से ही कम दिखाई दे रही है, किन्तु यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जिम्मेदार ग्रामीण जन अपनी जिम्मेदारी को समझ नही रहे है, इसके भी अलग-अलग कारण है किसी का निजी स्वार्थ जुड़ा है, तो किसी को वोट बैंक की चिंता सताये जा रही होगी। जिसके कारण आगे चलकर विकास कार्यों में बाधा आयेगी जिसका खामियाजा यहां के रहवासियों को भुगतान पड़ेगा इसलिये जितना जल्दी हो सके अवैध निर्माण पर लगाम लगाये उतना सभी के लिये बेहतर होगा।

क्या कहते है अधिकारी ?

नगर पंचायत समोदा में लगभग 70 अवैध निर्माण करने वालो की पहचान हुई है, जिसमें से 59 लोगों को प्रथम नोटिस, 5 लोगों को दूसरा नोटिस, 6 लोगों को तीसरा नोटिस दे चुके है, ऑफिस बुलाकर हाथ जोड़कर समझाईस दिया जा रहा है, इसके बाद अवैध कब्जा छोड़ने के लिये पंचनामा हस्ताक्षर भी किये है, इसके बाद भी अगर नहीं मानते हैं तो जल्द ही सामान जब्ती की कार्यवाही में किया जायेगा जिसका जिम्मेदार स्वंय रहेंगे।

केशराम साहू
सी.एम.ओ. समोदा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button