छत्तीसगढ़

अमोदी में शासकीय भवन पर संचालित निजी स्कूल को तत्काल हटाने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

आरंग। आरंग विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम अमोदी के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला परिसर के भवन में मित्र मंडल समिति द्वारा मोरध्वज उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय का संचालन किया जा रहा है, जिसकी शिकायत पूर्व में भी किया गया था, लेकिन पटवारी द्वारा जांच प्रतिवेदन सौंपने के बाद कोविड का दौर शुरू हो गया और फाईल ठंडे बस्ते में चला गया और कोई कार्यवाही नही किया गया, जिस पर पुनः संज्ञान लेते हुये एसडीएम एवं तहसीलदार से कार्यवाही की मांग किया गया है।

क्या है मामला ?

दरअसल आज से 20-25 वर्ष पूर्व जब मोरध्वज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का शुरूआत किया गया तब मित्र मंडल समिति के पास स्कूल नही था, तब वर्तमान व्यवस्था के लिये पूर्व माध्यमिक शाला भवन के अतिरिक्त भवन को 2 वर्ष के लिये मांग किया था, लेकिन आज 20 से 25 वर्ष बीत जाने के बाद भी न कोई भवन बनवाया न उस शासकीय भवन को छोड़ने की मंशा जाहिर किया, इससे साफ जाहिर होता है कि मित्र मंडल समिति के अध्यक्ष एवं स्कूल के तथा कथित प्रार्चाय गोविंद राम साहू द्वारा अपना आर्थिक लाभ लेने के लिये शिक्षा विभाग एवं गांव के लोगों के आंखों में धूल झोंकी गयी है।

स्कूल के पास अपना एक निजी शौचालय तक नही

ग्रामीणों ने बताया कि इतने बड़े स्कूल खोले हुये लगभग 25 वर्ष होने को है, लेकिन अभी तक अपने खर्चे से एक शौचालय तक नही बनवाया गया है, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के शौचालय का उपयोग किया जा रहा है, जबकि छात्र-छात्राओं के लिये अलग-अलग शौचालय एवं मूत्रालय होना चाहिये था।

नियम विरूध्द चल रहा मोरध्वज स्कूल

• निजी स्कूल शासकीय भवन या शासकीय जगह पर नही चल सकता है, लेकिन यहां लगभग 25 वर्षों से शासकीय जगह पर चलाया जा रहा है।

• मित्र मंडल ग्रामीण विकास समिति के सभी सदस्य फर्जी है, क्योंकि जो स्कूल में पढ़ा रहा है, वही समिति के सदस्य हैं एवं उनके परिजन भी, जबकि स्कूल में पढ़ाने के लिये बीएड या डीएड का डिग्री होना आवश्यक है।

• समिति के अध्यक्ष गोविंद राम साहू ही प्रार्चाय बन गये हैं, जबकि प्राचार्य बनने की कोई योग्यता अभी तक उनके पास नहीं है।
• अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से 3500-4000 शुल्क लिया जाता है, जबकि विद्यालय में बच्चों के अध्ययन हेतु बुनियादी सुविधायें ( प्रयोग शाला, कम्प्यूटर शिक्षा, खेल सामाग्री ) उपलब्ध नहीं कराया जाता है।

• समिति द्वारा कभी भी बैठक का आयोजन नहीं किया जाता है और न ही आडिट, पूरा फर्जी तरीके से कार्यवाही लिख दिया जाता है।

त्वरित कार्यवाही की उठी मांग

ईतनी कमिया होने के बाद भी अगर कोई स्कूल संचालित हो रहा है तो कहीं न कहीं शिक्षा विभाग को गलत जानकारी देकर ही संचालित किया जा रहा है, शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये और ऐसे शासकीय भवन कब्जाधारी स्कूल को तत्काल हटा कर कार्यवाही किये जाने की जरूरत है। ताकि समाज में एक बेहतर संदेश जा सके।

पटवारी पंचनामा में भी शासकीय भूमि का उल्लेख

पटवारी द्वारा किये गये पंचनामा में भी साफ लिखा है कि शासकीय भूमि खसरा नं. 1026 में मोर ध्वज स्कूल संचालित है, जिसमें स्कूल संचालक गोविंद राम साहू का भी हस्ताक्षर है, इसके बाद से कार्यवाही की मांग और जोर पकड़ने लगी है।

क्या कहते है अधिकारी ?

मोरध्वज स्कूल की शिकायत प्राप्त हुयी है, जिसे जांच के लिये तहसीलदार को भेज दिया गया है जांच रिपोर्ट आते ही नियमानुसार कार्यवाही किया जायेगा।

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि ?

शासकीय भूमि एवं भवन पर निजी स्कूल बिल्कुल बरदास्त नहीं किया जायेगा शासन-प्रशासन जांच कर त्वरित कार्यवाही करें।
पुनितराम साहू ग्राम पंचायत अमोदी

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