राजधानी में 26 जून को होगा ओबीसी वर्ग का प्रशिक्षण शिविर
रायपुर। अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ से संबद्ध ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में दिनांक 26 जून 2022 दिन रविवार को स्थान दानवीर भामाशाह साहू छात्रावास टिकरापारा में OBC के अंतर्गत आने वाले सभी जातियों को एक झंडे के नीचे संगठित कर सभी सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों में आबादी के अनुसार समान भागीदारी दिलाने के लिए ओबीसी जन-जागरण अभियान के माध्यम से ओबीसी वर्ग को शिक्षित व जागृत कर देश और प्रदेश में ऐसी स्थिति पैदा करनी है कि ओबीसी के सामाजिक, राजनैतिक व बौद्धिक संगठनो को एक मंच में लाकर जाति प्रथा की सीढ़ीनुमा कुव्यवस्था को खत्म कर मौजूदा व्यवस्था में परिवर्तन लाया जा सके तभी ओबीसी की समस्यायें दूर हो सकेगी और ओबीसी के सच्चे नेतृत्व का विकास होगा।
इसी उद्देश्य से छत्तीसगढ राज्यस्तरीय ओबीसी प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है जिसमें त्यागमूर्ति रामलखन चंदापुरी के सुपुत्र आदरणीय इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी राष्ट्रीय अध्यक्ष अ. भा. पि.वर्ग संघ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, ओबीसी संयोजन समिति के संस्थापक व राष्ट्रीय महासचिव अ. भा. पि. वर्ग संघ अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने प्रेस नोट कर बताया कि बहुसंख्यक ओबीसी समाज की समस्या ही देश की पुनर्निर्माण की समस्या है जिसकी समाधान के लिए मंडल कमीशन को पूर्णतः लागू करने सहित 8 सूत्रीय मांगपत्र दिनांक 14 फरवरी 2020 को संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपकर मांग किया कि जिस प्रकार विशेषाधिकार का प्रयोग कर सामान्य वर्ग को आबादी के अनुसार 10% का आरक्षण दिया गया है ठीक उसी तरह संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) में संशोधन कर ओबीसी के लिए भी 27% आनुपातिक आरक्षण को बढ़ाकर आबादी के अनुसार 52% किया जावे।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश सिन्हा ने आगे बताया कि केंद्र सरकार ने 1990 में व सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की पीठ ने 1992 में ओबीसी के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक उत्थान के लिए आंशिक रूप से 27% आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था वह आजादी के 75 साल बाद भी दूर का सपना ही रह गया है जिसे लागू ना कर छत्तीसगढ़ के 52% आबादी वाले ओबीसी समाज को 27% की जगह केवल 14% आरक्षण दिया जा रहा है जो ना केवल गैरसंवैधानिक है बल्कि देश की प्रगति, एकता, संविधान व लोकतंत्र के लिए भी खतरा है।
संघ के कोषाध्यक्ष श्री नोहर लाल साहू एवम पूर्णकालिक प्रचारक टिकेश्वर ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, आजादी के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पेरियार नायकर एवं त्याग मूर्ति आर एल चंदापुरी के कड़े संघर्षों से पिछड़े वर्गों में उपजी जनजागृति को सामंतवादी ताकतों के द्वारा कुचलने के लिए धर्म-भेद, जाति-भेद, वर्ण-भेद, क्रमिक ऊंच-नीच की भावना फैलाकर भारतीय समाज की एकता को छिन्न भिन्न करने का पुरजोर कोशिश की जा रही है जिसके कारण पिछड़े वर्गों की भागीदारी भारी खतरे में है ऐसे में अन्य पिछड़े वर्ग को धनतंत्र, नारातंत्र, राजतंत्र भ्रष्ट नौकरशाही से अपने मौलिक व संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु राजनीतिक मानसिक गुलामी से स्वतंत्र हो एक झंडे के नीचे संगठित होकर आजादी की दूसरी लड़ाई लड़नी होगी यदि इसमें देर हुआ तो आने वाली पीढ़ीयां धिक्कारेगी।
संगठन के पूर्णकालिक प्रचारक नारायण साहू ने कहां की देश को अखंड और सोने की चिड़िया बनाने के उद्देश्य से ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के द्वारा ओबीसी समाज को शिक्षित जागृत और संगठित करने के लिए चलाया जा रहा कैडर कैंप ओबीसी आंदोलन को नई दिशा देगी अतः सब आपसे अनुरोध है कि तन, मन, धन, समय, श्रम व सभी साधनों से सहयोग देवें व समय पर पधारकर प्रशिक्षण कार्यशाला को सफल बनावे।
विनीत -: अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ से संबद्ध ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़