छत्तीसगढ़

राजधानी के एक्सप्रेस-वे के ओवरब्रिज का मामला: भ्रष्टाचार की दरारों पर लगाया लेप…उद्घाटन के पहले खुल रही पोल

रायपुर। छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीआरडीसी) की ओर से 11 किमी एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा चुका है। राज्य सरकार की ओर से इसका औपचारिक उद्घाटन किया जाना है, लेकिन उससे पहले ही घटिया निर्माण की एक बार फिर पोल खुल गई है। विभाग के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की दरारों पर रातोरात ‘लेप” लगाकर छिपाने का प्रयास किया, लेकिन उससे पहले ही हकीकत को कैमरे में कैद कर लिया।

दरअसल मामला यह है कि राज्य सरकार के औपचारिक उद्घाटन से पहले ही जून-2022 से एक्सप्रेस-वे को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। सिटी सेंटर शापिंग माल के आगे ओवरब्रिज पर दरारें आ गई थीं। फोटोग्राफर ने एक जुलाई को एक्सप्रेस-वे पर आई दरारों को कैमरे में कैद किया था, लेकिन दो जुलाई की सुबह यह गायब हो गईं।

सीआरडीसी के अधिकारियों ने रातोरात पैचवर्क कराकर दरारों को भर दिया। अब यह देखना लाजिमी है कि अधिकारियों के ‘लेप” दरारों को कब तक छिपाकर रखता है। इससे पहले भी एक्सप्रेस-वे पर अतिक्रमण और निर्माण में लेटलतीफी से लेकर अन्य जनहित के मुद्दे उठाए हैं, लेकिन उद्घाटन के पहले ही ओवरब्रिज पर दरारों ने विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वर्ष-2019 में धसक गया था एक हिस्सा

11 अगस्त 2019 को एक्सप्रेस का एक हिस्सा धसक गया था, जिस पर एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बची थी। यहां सफर करते समय एक कार बुरी तरह उछल गई थी, जिसमें दंपती सवार थे। वर्ष-2019 में एक्सप्रेस-वे पर घटिया निर्माण की पोल खुलने के बाद जांच समिति बैठी। फिर से ओवरब्रिज का निर्माण श्ाुरू कराया गया। एक्सप्रेस-वे को दोबारा ठीक करने का काम वर्ष-2020 में ही पूरा हो जाना था, लेकिन कोरोनाकाल की वजह से पूरा नहीं हो पाया।

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