छत्तीसगढ़

प्रदेश में हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, भरण पोषण में असमर्थ महिला ससुर से कर सकती है खर्च की मांग…

बिलासपुर। अब तक ऐसा माना जाता रहा था कि शादी के बाद अगर महिला अपने भरण पोषण में असमर्थ है तो वो अपने पति से इसके लिए खर्च की मांग कर सकती है। तलाक के बाद ऐसा ही नियम है कि अलग होने पर महिला के घर का खर्च चलाने के लिए पति को ही पैसे देने पड़ते हैं। वहीँ पति की मृत्यु के बाद का क्या नियम है ये अब तक स्पष्ट महीन था।

 

लेकिन इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर हिन्दू विधवा भरण-पोषण में असमर्थ है तो उसे खर्च देने की जिम्मेदारी उसके ससुर की होगी। दरअसल कोरबा निवासी युवती का साल 2008 में जांजगीर के युवक से विवाह हुआ था। 2012 में उसके पति की मृत्यु हो गई। वहीँ बताया जा रहा है कि इसके बाद ससुर ने उसे घर से निकाल दिया था।

 

विधवा बहू ने अपने ससुर से भरण-पोषण का खर्च मांगते हुए कुटुंब न्यायालय जांजगीर-चाम्पा में याचिका लगाई थी। इस याचिका के खिलाफ उसके ससुर की ओर से भी हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि विधवा महिला भरण पोषण में असमर्थ है तो वह ससुर पर दावा कर सकती है।

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