रायपुर। पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत राजधानी से लगे आरंग विकास खंड में चंदखुरी फार्म से मंदिर हसौद तक सड़क एवं नाली का निर्माण ठेकेदार प्रकाश चंद्र राय द्वारा किया जा रहा है जिस पर भारी अनियमितता दिखाई दे रही है ,वही इंजीनियर अभिषेक मेश्राम का कहना हैं कि जो भी कमियां सड़क निर्माण में दिख रहे है उसे जल्द ही सुधार करवा दिया जायेगा। नाली निर्माण में जो भी अनियमितता दिख रही है उसे तुड़वा कर नए निर्माण करवाया जायेगा
क्या है पूरा मामला
दरअसल चंदखुरी फार्म से मंदिरहसौद तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है जिसमें नाली निर्माण कार्य भी किया जा रहा है, जिसका मौके पर पड़ताल करने पर पता चला कि नाली निर्माण कार्य नियमों को ताक में रखकर किया जा रहा है, जैसे कि लोहे की सटरिंग प्लेट की जगह प्लाई (लकड़ी)का प्लेट उपयोग किया जा रहा है जिसके कारण नाली टेढ़ा मेढ़ा दिख रहा हैं, वहीं बीच-बीच में निकला अतिरिक्त मटेरियल नाली की सुंदरता में पलीता लगा रहा हूं, वहीं बिना वाइब्रेटर के ही ठेकेदार प्रकाश चंद राय के कर्मचारी काम करते दिखे, पूछने पर वाइब्रेटर खराब होने की बात कही, जिसके कारण नाली में कांपेक्शन की कमी साफ दिखाई दे रही है जगह-जगह नाली की दीवार में गड्ढे एवं उस गड्ढे से सरिया दिख रही है,उनके साथ साथ गिट्टी दिखना आम बात है, वहीं नहीं चलने से गिट्टी गिट्टी एक जगह एवं मशाल-मसाला एक जगह दिख रहा है जिसे छुपाने के लिए रिपेयरिंग किया जा रहा है निर्माण कार्य में अभी से ही रिपेयरिंग चल रहा हैं, उसकी कितनी गुणवत्ता होगी उसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।
पुलिया के पास धंसी सड़क एवं डंप मुरूम से राहगीर परेशान
बाहनाबाड़ी के पास पुलिया के दोनों ओर सड़क में काम चलाऊ बजरी डाला गया है, जिसके कारण सकड़ में गड्डे हो गये हैं जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है लेकिन ठेकेदार अपने पैसे बचाने में मस्त है, वहीं ठेकेदार प्रकाश चंद राय सड़क को ही मुरुम स्टॉक करने का जगह समझ कर सड़क के दोनों किनारे मुरुम डंप कर दिये हैं, जिसके कारण सड़क संकरी हो गई है जिससे राहगीर को सफर करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है, वहीं व्यस्ततम मार्ग होने के कारण कई लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं । इसके अलावा कुछ पुलिया निर्माण के दौरान बाईपास सड़क बनाया गया है , किसकी मरम्मत नहीं करने से पानी गिरते ही कीचड़ से सराबोर हो जाता हैं, जिससे गाड़ी फंसने एवं स्लीप होना लोगों के कपड़े खराब होना आम बात है, लेकिन ठेकेदार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसमें अधिकारी भी ठेकेदार का साथ दे रहे हैं।
कोटवार के सरकारी जमीन के मुरुम से बन रहा सड़क
असौन्दा कोटवार त्रिलोकी चौहान द्वारा पैसों के लालच में कोटवारी सरकारी जमीन के मुरूम को अनमोल तिवारी के माध्यम से बेच रहे हैं, जिसका उपयोग ठेकेदार प्रकाश चंद राय सड़क निर्माण में कर रहे हैं, हालांकि आवाम दूत न्यूज़ के संज्ञान में आते ही अभी मुरुम खनन पर विराम लग गया है, लेकिन वर्तमान में कई एकड़ कोटवारी जमीन अभी तक खुद चुकी है, जिसकी जांच कर कोटवार एवं ठेकेदार दोनो के ऊपर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। वहीं ठेकेदार के चतुर इंचार्ज मिश्रा कुछ सरपंचों से तालाब गहरीकरण के नाम पर उनके तालाब से पूरा मुरुम उठा लिये और पूरे तालाब में मिट्टी को छोड़ कर नमस्ते कर दिया, सरपंच को मजबूरी वस अपने खर्चे पर तालाब की मिट्टी उठवा कर सफाई करवानी पड़ी।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में हमने सब इंजीनियर अभिषेक मेश्राम से बातचीत किये हैं-
रिपोर्टर- मंदिर हसौद में नाली बन रही है उसमें वाइब्रेटर का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है?
सब इंजीनियर- वाइब्रेटर का उपयोग तो कर रहे हैं मैं तो वहाँ से अभी आया हूं, कल भी दिन भर था, वाइब्रेटर तो उपयोग कर रहे थे ।
रिपोर्टर- लेकिन मैं अभी मौके पर मौजूद हूं कर्मचारी वाइब्रेटर खराब होने की बात कर रहे हैं !
सब इंजीनियर – मैं अभी पता करता हूं ,हो सकता है आज खराब हो गए हो ।
रिपोर्टर- वाइब्रेटर प्रयोग नहीं करने के कारण शटरिंग प्लेट निकालने के बाद नाली में जगह-जगह कॉम्पेक्शन की कमी है जिसके कारण जगह-जगह गड्ढे से छड़ दिख रहे हैं, जिसे रिपेयरिंग करके छुपाया जा रहा है।
सब इंजीनियर- हां देखा हूं जो कमियां है उसे दुरुस्त करने के लिए बोला हूं।
रिपोर्टर- शटरिंग प्लेट लोहे की जगह लकड़ी का प्रयोग कर रहे हैं जिससे नाली आड़े तिरछे नाली बन रहे हैं।
सब इंजीनियर- उसे तोड़ने के लिए निर्देशित किया हूं, लोहे की स्टेरिंग प्लेट आने के बाद ही आगे का काम शुरू करेंगे।
उठते सवाल
अब सवाल उठता है कि जब वाइब्रेटर का उपयोग किया गया तो बीच बीच के गड्ढे से सरिया क्यों झांक रहे हैं? क्या वाइब्रेटर खाना पूर्ति के लिये उपयोग किया जा रहा है?
कई करोड़ के प्रोजेक्ट लेने वाले ठेकेदार को लकड़ी की सटरिंग प्लेट का उपयोग क्यो करने दिया गया?
बेडौल गुणवत्ताहीन नाली निर्माण के लिए जिम्मेदार कौन? ऐसे कई गंभीर सवालों के जवाब अभी आना बाकी है।