दुर्ग। छत्तीसगढ़ की बेटी आकर्षि कश्यप ने बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में एकतरफा प्रदर्शन करते हुए देश के लिए सिल्वर मेडल जीता। आकर्षि ने कॉमनवेल्थ गेम्स में पहले ही मैच में आक्रामक रणनीति अपनाते हुए अपना दबदबा हर मैच में कायम रखा। वहीं शानदार प्रदर्शन कर वापस दुर्ग गृह नगर पहुंचने पर आकर्षि कश्यप का लोगों ने जोरदार स्वागत किया, जगह-जगह पर बच्चों द्वारा तिरंगा झंडा दिखाकर सिल्वर मेडल विजेता आकर्षी कश्यप को अभिनंदन किया।
दुर्ग में रहने वाली महज 9 साल की उम्र में बैडमिंटन थामने वाली आकर्षि ने छत्तीसगढ़ के लिए जूनियर व सीनियर कैटेगरी में राष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों खिताब जीते हैं। गर्ल्स सिंगल्स कैटेगरी में एक बार अंडर-15, दो बार अंडर-17 और एक बार अंडर-19 नेशनल चैंपियन रही है। 2019 में पुणे में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ के लिए पहला गोल्ड जीता 16 साल की उम्र में सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में ब्रांज मैडल हासिल किया। वुमंस सिंगल्स में आकर्षि 2019 से देश की नंबर-1 खिलाड़ी है, आकर्षि की वर्ल्ड रैंकिंग 57 है, जकार्ता में 2018 में आयोजित एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया। नेपाल में आयोजित साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड हासिल किया। 2021 में सीनियर बैडमिंटन टूर्नामेंट में खिताब जीता था। साथ ही बहरीन में आयोजित इंटरनेशनल चैलेंज में छत्तीसगढ़ के लिए ब्रांज मैडल जीता था।
आपको बता दें कि आकर्षि कश्यप ने कॉमनवेल्थ गेम में सिल्वर मेडल जीतकर छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश का नाम रोशन किया है तो वही उसकी इस कामयाबी के पीछे उसके पिता डॉक्टर संजीव कश्यप बताते हैं कि आकर्षण जी तोड़ मेहनत की है। हालांकि गोल्ड से चूक गए, लेकिन अगली बार गोल्ड जरूर भारत की झोली में होगा। आकर्षि कहती है कि अगली बार पूरी मेहनत की जाएगी और गोल्ड जीतने के लिए पूरी कोशिश करेगी। आकर्षि के सिल्वर मेडल जीतने पर खेल संघ के लोगों ने भी उसे बधाई दी है। उन्होंने कहा कि गोल्ड से वंचित हो गई लेकिन अगली बार जरूर गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन करूंगी।