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सरकार ने किसानों के लिए शुरू की नई योजना, बहुत कम दाम पर मिल रहा ट्रैक्टर, जल्द करें यह काम

नई दिल्ली: पिछले दो साल से कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने ऐसा तांडव मचाया है, जिससे आम लोगों से लेकर उद्यमियों तक को खासा नुकसान भुगतना पड़ा है। इतना ही नहीं कृषि से जुड़े लोगों को भी काफी आर्थिक हानि भुगतनी पड़ी है, जिनकी सहायता को सरकार अब बड़े-बड़े कदम उठा रही है। केंद्र व राज्य सरकारें लघु-सीमांत व बड़े किसानों की मदद को आगे आ रही हैं।

अब मॉडल जमाने में खेती करने का तरीका भी बदलता जा रहा है, जिससे मशीनों की जरूरत बढ़ती जा रही हैं। अब पौधा रोपण के लिए भी पहले कृषि यंत्रों से जमीना को तैयार किया जाता है। इस बीच अगर आप किसान हैं और आपके पास ट्रैक्टर नहीं है तो खरीादरी में देरी नहीं करें। अब किसानों के लिए सरकार ने एक विशेष योजना की शुरुआत कर दी है, जिससे आप आसानी से ट्रैक्टर की खरीदारी कर सकते हैं। सरकार की स्कीम के मुताबिक, ट्रैक्टर की खरीदारी पर सरकार आधी रकम की मदद कर रही है। इससे तमाम किसान लाभान्वित भी हो चुकी है।

जानिए किसानों को मिल रही कितनी सब्सिडी
अगर आप किसान हैं और ट्रैक्टर की खरीदारी करना चाते हैं, तो अब आपकी मौज है। सरकार ट्रैक्टर की खरीरादीर पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रही है। अब किसान चाहे तो किसी भी कंपनी का ट्रैक्टर आधे दाम पर खरीद सकते हैं। किसानों को आधा पैसा जमा करना होगा बाकी का आधा पैसा सब्सिडी के तौर पर सरकार कंपनी को देती है। वहीं कई राज्य सरकारें भी किसानों को अपने स्तर पर 20 से 50 फीसदी तक छूट दे रही है।

यूं प्राप्त करें योजना का लाभ
पीएम किसान ट्रैक्टर योजना का फायदा लेने के लिए किसान के पास कुछ जरूरी दस्तावेज होने चाहिए। इसमें सबसे ज्यादा आवश्यक है आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज की फोटो, जमीन से संबंधित कागजात, पासबुक, तथा लेने वाले ट्रैक्टर का कोटेशन। कागजों के आधार पर किसान नजदीकी सीएससी केंद्र में जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। इस आवेदन के पश्चात सरकार योजना के बजट के अनुसार किसानों को लाभान्वित करती है।

ऐसा आवश्यक नहीं है कि जितने भी किसानों द्वारा आवेदन किया गया है सभी को एक साथ पीएम किसान ट्रैक्टर योजना का लाभ प्राप्त हो सके। कई बार ज्यादा आवेदन हो जाने पर लकी ड्रा जैसे सिस्टम का उपयोग किया जाता है। जिन किसानों का नाम फस जाता है उन्हें तुरंत लाभान्वित करने की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है। साथ ही शेष बचे किसानों को अगली योजना के बजट के अनुसार लाभान्वित किया जाता है।

 

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