रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच में श्रेष्ठता के लिए देशभर के राज्यों से 151 पुलिस कर्मियों का केंद्रीय गृह मंत्री अवार्ड के लिए चयन किया है। इसमें छत्तीसगढ़ के भी तीन पुलिसकर्मी शामिल है। जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार जायसवाल, निरीक्षक दिनेश यादव और उप निरीक्षक दिव्या शर्मा का नाम शामिल है। एसआई दिव्या शर्मा रायपुर पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। उन्हें एक रेप पीड़िता के इलाज करवाने और उसको न्याय दिलाने के लिए इस अवार्ड के लिए चयनित किया है।
बता दें कि, 5 जून 2021 को पीड़िता की मां ने थाना में जाकर एक शिकायत की थी कि, उसने अपने पहले पति को छोड़कर अर्जुन पाल से दूसरी शादी कर ली। प्रार्थिया अर्जुन पाल के साथ अपने दोनों बच्चों को लेकर नेचर केयर नर्सरी के पास गाय के फार्म हाउस में रहती थी। उसी फार्म हाउस में उसका पति अर्जुन पाल चौकीदारी का काम करता था। 5 जून 2021 के दोपहर करीब 1 बजे कमरे में सो रही थी, वहीं दोनों बच्चे बाहर खेल रहे थे। इसी दौरान उसका बेटा उसके पास आकर बताया कि पापा बहन का कपड़ा उतारकर कुछ कर रहे हैं, जब प्रार्थिया वहांं पहुंची तो देखा कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट से खून आ रहा था।जब पीड़िता की मां ने इस घटना को लेकर उससे पूछा तो पीड़िता ने बताया कि उसके पिता ने उसके साथ बलात्कार किया है। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। वहीं इस मामले को लेकर तेलीबांधा थाना में शिकायत दर्ज कराया गया। शिकायत के लिए पीड़िता जिस समय थाने आई उस समय तक काफी खून बह जाने से उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी, इसलिए पीड़िता को सबसे पहले जिला अस्पताल उपचार के लिए भेजा गया। लेकिन उसकी स्थिति लगातार गंभीर बनी रहने के कारण उसे डीकेएस अस्पताल रायपुर में भर्ती किया गया। जहां डॉक्टर ने पीड़िता की शल्य चिकित्सा कराया जाना आवश्यक बताते हुए पीड़िता की जान को खतरा होने की जानकारी दी।
परंतु पीड़िता की मां ने अग्रिम इलाज करवाने से इंकार करते हुए डीकेएस अस्पताल से उसे डिस्चार्ज करवा दिया गया। लेकिन पीड़िता की स्थिति को देखते हुए उप निरीक्षक दिव्या शर्मा ने उक्त स्थिति को संज्ञान में लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए पीड़िता को अपनी अभिरक्षा में लेकर उचित इलाज कराने का निर्णय लिया और पीड़िता को इलाज के लिए डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उपचार करवाने के बाद 8 जुलाई 2021 को डॉक्टरों ने पीड़िता को डिस्चार्ज किया। मामले में उप निरीक्षक दिव्या शर्मा ने तत्काल विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र 9 मई 2021 को प्रस्तुत किया। 22 जुलाई 2021 को न्यायालय ने मामले में आरोपी को मृत्यु पर्यन्त तक आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। एसआई दिव्या के इस अच्छे काम के लिए गृहमंत्री अवार्ड के लिए उन्हें चयनित किया गया है।