छत्तीसगढ़

गौमूत्र से बने ब्रम्हास्त्र एवं जीवामृत का किसानों द्वारा खेत में छिड़काव

 जांजगीर-चांपा  :  राज्य की महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत गोधन न्याय योजना के तहत जिले के कलेक्टर  तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशानुसार अकलतरा विकासखण्ड के तिलई गौठान एवं नवागढ़ विकासखण्ड के खोखरा गौठान में गौमूत्र खरीदी कर गोठान समिति द्वारा जीवामृत (ग्रोथ प्रमोटर) एवं ब्रम्हास्त्र (जैविक कीट नियंत्रक) का उत्पादन किया जा रहा है। तिलई गौठान में 208 लीटर गौमूत्र तथा खोखरा गौठान में 84 लीटर गौमूत्र की खरीदी की जा चुकी है। जिसमें निर्मित जैविक उत्पाद का उपयोग जिले के कृषक बलराज राठौर, भीम/भैयाराम कौशिक, खिलेन्द्र रथराम द्वारा उप संचालक कृषिएम. आर. तिग्गा, अनु.कृ.अधि. जांजगीर  एन. के. भारद्वाज, अनु. कृ. अधि. पामगढ  पंकज कुमार पटेल की उपस्थिति में वरि. कृ. वि. अ.  एस. के. पाण्डेय एवं वरि. कृ.वि.अ. एस. एस. यादव के तकनीकी मागदर्शन में धान के फसल में छिड़काव किया गया। इससे कृषि में जहरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में गौमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग को बढावा मिलेगा, रसायनिक खाद तथा रसायनिक कीटनाशक के प्रयोग से होने वाले हानिकारक प्रभाव में कमी आयेगी, पर्यावरण प्रदूषण रोकने में सहायक होगा तथा कृषि में लगने वाली लागत में कमी आयेंगी (कीट नियंत्रक) ब्रम्हास्त्र का विक्रय मूल्य 50 रूपये लीटर तथा जीवामृत (वृद्धि वर्धक) का विक्रय 40 रूपये लीटर है। इस प्रकार गौमूत्र से बने जैविक उत्पादों के दीर्घकालिन लाभ को देखते हुए जिले के कृषक बंधुओं को इसके उपयोग की सलाह कृषि विभाग द्वारा दी जा रही है।

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