रायपुर | कर्मचारियों की हड़ताल में भाजपा को अवसर दिख रहा है। भाजपा ने इस हड़ताल का समर्थन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि “कर्मचारी चिंता न करें। भाजपा सरकार उनकी सभी मांगों को पूरा करेगी।’ इधर कर्मचारी नेताओं का कहना है कि उन्हें दोनों राजनीतिक दलों की घोषणाओं पर विश्वास नहीं है।
डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार कर्मचारियों के आंदोलन को बल पूर्वक कुचलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 34% DA केंद्र सरकार दे रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने बहुत पहले ही इसे देने का फैसला कर लिया था। जब मध्य प्रदेश में 34% DA दिया जा सकता है तो यहां क्यों नहीं। उन्होंने कहा, कर्मचारियों के सातवें वेतनमान के अनुसार HRA का 18% मूल वेतन में दिया जाए यह हमारी मांग है। डॉ. रमन सिंह ने कहा, कर्मचारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। भाजपा की सरकार में उन्हें ना केवल 6% DA दिया जाएगा बल्कि उनकी जो राशि है 436 करोड़ रुपए प्रति माह का वह भी उन्हें दिया जाएगा। कर्मचारियों को कुल 34% DA के साथ एरियर्स की बकाया राशि का भी भुगतान भाजपा की सरकार करेगी। डॉ. रमन सिंह ने कहा, भाजपा इस पूरे आंदोलन में कर्मचारियों के साथ है।
कर्मचारी नेता बोले-रमन सिंह ने जो घाव दिए थे उसका ही इलाज हो रहा है
छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय झा ने कहा, उन्हें भाजपा और रमन सिंह की बात पर बिल्कुल विश्वास नहीं है। जितनी बीमारी उन्होंने दी थी भूपेश बघेल उसी का इलाज कर रहे हैं। सवाल इस बात का है कि भूपेश बघेल जब विपक्ष में थे तो दबाकर मंच पर कहते थे कि 10 दिन में आपको नियमित कर देंगे। आज हजारों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी आंदोलन पर हैं। झा ने कहा, दोनों पार्टी के चुनावी घोषणापत्र पर अब छत्तीसगढ़ के कर्मचारी विश्वास करने वाले नहीं है। एक बार धोखा खाता है आदमी, बार-बार नहीं।
दो सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं कर्मचारी संगठन
महंगाई भत्ता-DA और गृह भाड़ा भत्ता-HRA बढ़ाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने सोमवार को अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। दावा है कि इस हड़ताल में 96 कर्मचारी-अधिकारी संगठन शामिल हो रहे हैं। कर्मचारी संगठन सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना भी शुरू कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से अगले कुछ दिनों तक स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक प्रक्रिया, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज के भी ठप हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। कर्मचारियों ने 25 से 29 जुलाई के बीच भी एक हड़ताल की थी। उसके बाद सचिव स्तर की बातचीत के बाद 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हुआ। अधिकांश कर्मचारी संगठनों ने इसे नामंजूर कर दिया।
कर्मचारियों का राजनीतिक नफा-नुकसान
छत्तीसगढ़ में अगले साल नवम्बर-दिसम्बर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में किसी वर्ग की नाराजगी के प्रति सरकार संवेदनशील है। इधर विपक्ष भी राजनीतिक नफा-नुकसान देखकर नाराज वर्गों के साथ खड़ा दिखने की कोशिश में है। छत्तीसगढ़ में साढे चार लाख से अधिक कर्मचारी और उनके परिवार का समर्थन चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकता है। ऐसे में भाजपा सत्ता में वापसी के लिए अभी से लामबंदी करने लगी है।