बिलासपुर | छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम इटवापाली में बीती रात बदमाशों ने कट्टे की नोक पर मंदिर के पुजारी को बंधक बना लिया और फिर बेशकीमती गणेश प्रतिमा को उठा ले गए। बताया जा रहा है कि ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा बेशकीमती है। घटना की सूचना पर एसएसपी पारुल माथुर मौके पर पहुँच गई हैं।
पांव-बांध कर पुजारी के मुंह मे चिपका दिया टेप
मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम इटवापाली में प्राचीन भंवर गणेश जी का मंदिर है। यहां सातवीं से दसवीं सदी के बीच की ग्रेनाइट की बनी गणेश जी की मूर्ति हैं स्थापित है। यह गांव मस्तूरी थाना से दस किलोमीटर दूर स्थित है। कल रात मंदिर के पुजारी महेश केंवट मंदिर में ही सो रहे थे। तभी चार युवक मंदिर पहुंचे और उनकी पिटाई करते हुए उनके हाथ पांव-बांध कर उनके मुंह मे टेप चिपका दिया। जिसके बाद बेशकीमती मूर्ति को उन्होंने उखाड़ने की कोशिश की। इसके लिए तैयारी के साथ आये बदमाश अपने साथ औजार भी लेकर आये थे। उन्होंने मूर्ति के न उखड़ने पर औजार से तोड़ कर ले गए। जब भक्त सुबह मंदिर पहुँचे तो उन्हें पुजारी बंधा मिला। उसके हाथ पांव व मुँह खोल कर ग्रामीणों ने घटना की जानकारी ली और पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही एसएसपी पारुल माथुर, एडिशनल एसपी राहुल शर्मा व गरिमा द्विवेदी, एसीसीयू प्रभारी हरविंदर सिंह, मस्तूरी टीआई प्रकाश कांत गांव पहुँच गए। गांव वालों से जानकारी लेकर व डॉग स्क्वायड के माध्यम से आरोपियों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही पुजारी का बयान भी लिया गया है। बताया जाता है कि प्राचीन ग्रेनाइट से बनी मूर्तियां बेशकीमती होती है। और जितनी अधिक ये प्राचीन होती है उतनी ही इसकी विदेशो में कीमत होती है। घटना के सम्बंध में जानकारी लगने पर मस्तूरी विधायक डॉक्टर कृष्ण मूर्ति बंधी भी मौके पर पहुँचे हैं।
ये है मंदिर की खास मान्यता
गाँव के लोगो का कहना है कि भंवर गणेश जी को मस्तूरी क्षेत्र के मल्हार ऐतिहासिक स्थल का केंद्र डिंडेश्वरी माता मंदिर के समकक्ष माना जाता था भंवर गणेश जी देवी के भाई के रूप में पूजे जाते थे, वही मान्यता है कि भगवान गणेश के मंदिर में लगाई हर अर्जी पूरी होती है। चोरी की खबर सुन कर भक्त काफी संख्या में मंदिर पहुँच गए हैं।