Britannia | बचपन से लेकर बुढ़ापे तक चाय के स्वाद को बढ़ाती यह बिस्किट लोगों को दिल खुश कर देती है। चाहे सुबह का नाश्ता हो या फिर शाम का स्नैक्स हमेशा ही हमारे भूख शांत करने का काम करती है। इस कंपनी ने अपनी शुरुआत बिस्किट से की थी और आज इसके पास ब्रेड, केक, रस्क, बेवरेजेस और दूध तक शामिल है।
यह भारतीय मार्केट का एक बहुत बड़ा है हिस्सा कवर करती है। जितना इसके प्रोडक्ट्स हमारे लिए खास है उसका सफर उससे भी ज्यादा रोमांचक है। सिर्फ ₹295 में शुरू हुई है कंपनी आज 12 हजार करोड़ का वर्थ रखती है।
Britannia की शुरुआत
सन 1892 आज के कोलकाता एक छोटे से घर में इस कंपनी की शुरुआत हुई थी। इसे गुप्ता ब्रदर्स ने अपनी कमाएं पैसे ₹295 से शुरुआत की थी। देखते ही देखते यह कंपनी बढ़ने लगी और 26 साल बाद यानी कि 21 मार्च 1918 को गुप्ता ब्रदर्स के साथ सी एच होम्स आ गए और ब्रिटानिया पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई।
एक और बात शायद आपको आश्चर्य में डाल सकती है। इन दिनों सभी के घर में ओवन देखने को मिलता है। लेकिन ब्रिटानिया ऐसी पहली कंपनी बनी जो स्वेज नदी के पूर्वी हिस्से में ओवन का इस्तेमाल करती थी। कंपनी द्वारा 1921 में गैस और उनका इस्तेमाल किया जाने लगा था।
इसी समय भारत के आजादी की लड़ाई को भी काफी जोर-शोर से लड़ी जा रही थी। इस समय हर भारतीय को एक पैसा खर्च करने से पहले 10 बार सोचना पड़ता था। जहां पैसे की कमी हो रही थी वही समृद्ध परिवार को भी सिर्फ दो वक्त का खाना ही मिल पा रहा था।
लेकिन ऐसे समय में भी कंपनी के बिजनेस में कोई भी रूकावट देखने को नहीं मिली कंपनी दिनों दिन बढ़ती जा रही थी और इसके क्वालिटी की वजह से ग्राहक का विश्वास इस पर और भी बढ़ गया था।
आजाद भारत का Britannia
समय-समय ब्रिटानिया की पार्टनरशिप, ओनरशिप और शेरहोल्डिंग बदलती गई। गुप्ता ब्रदर्स के बाद सीएच होम्स और बाद में इसे ABIL ने अपना बनाया। साल 1952 में ब्रिटानिया के कोलकाता फैक्ट्री को तारातोला रोड पर शिफ्ट किया गया।
यहां पर कंपनी ने ऑटोमेटिक प्लांट लगाया इसके 2 साल बाद यानी कि 1954 में कंपनी ने मुंबई में भी एक ऑटोमेटिक प्लांट लगाया और इसी साल कंपनी एक नया प्रोडक्ट ब्रेड बनाने की शुरुआत करने जा रही थी। ब्रेड बनाने की फैक्ट्री को कंपनी ने सबसे पहले दिल्ली में लगाया।
कंपनी ग्राहकों के बीच अपना पकड़ मजबूत करना चाहती थी। इसीलिए कंपनी का नया प्रोडक्ट ब्रेड भी लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो रहा था। 1976 में कंपनी ने कोलकाता और चेन्नई में भी ब्रिटानिया के ब्रेड फैक्ट्री की शुरुआत की। 3 अक्टूबर 1979 को ब्रिटानिया बिस्किट कंपनी लिमिटेड का नाम बदलकर ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया गया।
आज कंपनी कई संघर्षों को देखते हुए भारत की एक प्रमुख कंपनी है। लाखों लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ या भारतीयों को अच्छे क्वालिटी की फूट भी देती है। फिलहाल इस पर वाडिया ग्रुप का अधिकार है। कंपनी आज भी अपना 95% रेवेन्यू बिस्किट से जनरेट करती है। वहीं 5% इसके डेहरी प्रोडक्ट्स से आते हैं।