आरंग। ग्राम देवरी में छतीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार भोजली अच्छी बारिश और अच्छी फसल के लिए मनाया गया छत्तीसगढ़ में मितान परंपरा भोजली त्योहार से भी होता है जिसमें ग्राम के माताओ बहनों द्वारा बड़े ही उत्साह से 7 दिवस पहले अनाजो की बुवाई कर हर रोज सुबह शाम को भोजली गीत के द्वारा भोजली माता की पूजा अर्चना सेवा किया गया पोला के दिन सिर पर भोजली को रखकर विसर्जन यात्रा निकाली गई माताओ के द्वारा छत्तीसगढ़ की पारंपरिक गीत देवी गंगा देवी गंगा लहर तुरंगा की गीत गाते हुवे
बाजे गाजे के साथ गांव के गली मुहल्ले होते हुए महामाया मंदिर पंखटिया तालाब में विसर्जित किया गया ।जिसका आनंद लेने बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे रहे। भोजली माता से अच्छी फसल व सभी के लिए सुख शांति व हरियाली की कामना की। जिसमे मुख्य रूप से
परागा,उमा,सीमा, सेवती,सुरतिया, बुधारो,हिना ,मोना, निरूपा, खिलेश्वरी, धात्री, रेणुका, कुंती,प्रेक्षा किरण,
वैशाली, यशोदा,दामिनी,बोधन, लेखराम, रामगोपाल, सुरेश नीलकंठ ,टीकम
एवं गांव के माता बहन बच्चे ग्रामीण उपस्थित रहे।