रायपुर। एक लोकोक्ति चरितार्थ है कि भादो माह अंजोरी पाख के चौथ के दिन तिल, तेल और तेली का अब्बड़ अकन संबंध है। ये बात ल हमर पुरखा मन गोठ बात म बताय कि माता पार्वती हर अपन सुंदर बर पाय बर लांघन दिन रात बितात रहीस। माता हर अपन नहाय के बेर म तेल लगाय, ओ तिल के तेल आय। अऊ सांथे सांथ म तिल के उबटन यानि कि तिल ल पीस के अपन शरीर म लगाय। जेकर से शरीर हर चमके अऊ नरम रहय। ऐ रोज के नहाए के बुता राहय। एक दिन माता पार्वती के मन में बिचार आइस कि, मेहर ऐके झन रथव, मोर घर म रखवाली करे बर व मोर सुरक्षा देखरेख बर कोन्हो नई राहय। ये सोच के माता हर नहात नहात अपन शरीर के लगाए गेहे तेल अऊ तिल के उबटन न निकाल के बालरूप बनाइस। कोन्हो कोन्हो मन इही ल अपन मैल से बनाइस, अईसनो घलो कथे।ये बालक ल अपन सुरक्षा और घर के रखवाली के जवाब दे कै पूजा-अर्चना करेल नमस्ते चल दिस।
इही बीच म भोलेनाथ अपन धुनी छोड़ घर आथे। तब देखथे की माहटी म बालक हे। जाय बर धरथे त छोटे से बालक शिवजी ल रोक देथे अऊ नई जान दे। बहुत मनाय के कोशिश शंकर जी हर करथे फेर ओ माई के लाल अपन कर्तव्य पथ ले डिगे नहीं। तब शंभु जी ल क्रोध आ जथे कि मोर घर द्वार में तै रोकने वाला कोन होथस। क्रोध के मारे शिवजी अपन त्रिशूल निकाल के बालक के सिर ल धड़ से अलग कर देथे।
इही समय म माता पार्वती अपन सुहाग के रक्षा खातिर पूजा करके घर वापस आथे, तब अपन लईका के सिर कटे देख गुस्सा हो जथे। माता के गुस्सा से आकाश, पाताल और धरती कांपना लागे। तब शिव जी अपन सबो बात बताईस। अऊ कहीस कि आज रात होगे हे कल बिहनिया ले जे पहली दिखही ओकर सिर ल येकर धड़ म जोड़ के जिंदा कर देबो।
शिवजी के जब्बर सैनिक मन चारों दिश में खोजे बर निकल गे। तब एक व्यापारी कै हाथी दिखथे अऊ ओकर सिर ल काट के ले आथे। शिवजी एवं माता पार्वती की शक्ति से हाथी के सिर ल बालक के धड़ से जोड़त तुरंत जीवित हो गे। चारों दिशा में खुशी की लहर अऊ सब देवी देवता पुष्प अर्पित करीस।
उधर व्यापारी हाथी के हत्या से हताहत, रोते बिलखते हाथी के सिर को खोजत खोजत शंकर पार्वती के पास पहुंच गे। इंहा के माहौल देखके व्यापारी के हक्का बक्का हो गे। *तब माता पार्वती के हृदय म स्नेहभाव जाग जाथे अऊ अपन पति परमेश्वर महादेव से बिनती करथे कि ऐकर व्यापार के भरपाई बर कुछू व्यवस्था हो। तब महादेव उसे एक चमत्कारिक यंत्र निर्माण कर तिल से तैल निकाले बर दे देथे। ए जनसामान्य के भाषा म तेलघानी हरे अऊ तिल के व्यापारी तेली तैलिक कहलाइस। “*
एक बात अऊ हे बेटा हो या बेटी येकर परवरिश म मां बाप दोनों के समान भागीदारी होथे। ये संदेश हमन ल ऐकर सेती मिलिस कि माता पार्वती अपन एकेझन बालक बनाइस लेकिन असमय मृत्यु हो गे। पिता के बिना पुत्र का जीवन अधूरा होथे, ऐ संदेश मिलिस।
हमन विश्व तैलिक दिवस काबर मनाबो, ये ल जानौ।माता पार्वती अऊ भगवान महादेव के द्वारा तैलिक, को वरदान मिलिस ।तेलघानी के आविष्कार होईस। अंधकार को प्रकाश, रोगियों को जीवनदायिनी शक्ति मिला।
अतः समाज के विभिन्न संगठनों को गौरव होना चाहिए कि भाद्र माह शुक्लपक्ष चतुर्थी के दिन विश्व तैलिक दिवस मना रहे हैं।
31 अगस्त 2022 दिन बुधवार को दोपहर 02 बजे से कर्माधाम कर्मामंदिर प्रांगण कृष्णानगर रायपुर में विश्व तेली दिवस का आयोजन रखा गया था जिसके आयोजक नारायण लाल साहू कार्यवाहक अध्यक्ष रायपुर शहर, अतिथिगण प्रो घनाराम साहू, ई नारायण साहू, पं घनश्याम साहू, वरिष्ठ समाजसेवी रामलाल गुप्ता, ईंं टी आर साहू के अतिरिक्त सामाजिक वरिष्ठों में संतराम समाज रत्न , अश्वनी साहू महासचिव, केशव साहू उपाध्यक्ष, पी के साहू, सुंदरलाल साहू, महावीर साहू, योगीराज साहू, अशोक कुमार पत्रकार, संपादक माखनलाल साहू, मीडिया प्रभारी अश्वनी , विनोद कुमार गुप्ता, गिरधर साहू रायपुरा, हिम्मत साहू श्रीमती यामिनी साहू, गिरधर साहू परिक्षेत्र अध्यक्ष, चिन्तामणि, रघुनंदनसाहू, बेनी साहू शैलेन्द्र कुमार, लुकेश राम, टिकेन्द्रसाहू एवं अन्य सामाजिक पदाधिकारीगण, कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
अतिथि प्रो घनाराम साहू ने तेली के उत्पति, तैलिक और तेलघानी पर अपने विचार व्यक्त किए। ईं नारायण साहू ने सामाजिक विकास में तेली दिवस मनाने एवं गतिशीलता बनाएं रखने के लिए सामाजिक गोष्ठी और चिंतन शिविर आयोजन होता रहे, कहा। पं घनश्याम साहू ने समाज में धार्मिक अंधविश्वास से छुटकारा पाने और स्वजातीय धार्मिक पंडितों, यज्ञाचार्यो, महामण्डलेश्वरों, कथाकारों, भगवताचार्यो को आदर देने कहा। श्री रामलाल गुप्ता ने अपने अनुभव को सहज और स्वाभाविक रूप से प्रतिबिंबित किया। ईं टी आर साहू ने समाज में गहरा प्रेम हो और सामाजिक एकता पर बल दिया। महावीर साहू ने साहू समाज और कबीर पंथ के पथप्रदर्शक धनीथर्मदास साहेब के समन्वय स्वरूप पर विचार रखें। आभार प्रकट किया आदरणीय श्री माखनलाल साहू, संपादक (साहू सृजन त्रैमासिक पत्रिका) ने किया।
समाचार की जानकारी नारायण लाल साहू संयोजिक विश्व तेली दिवस के कार्यक्रम द्वारा दिया गया।