तिल्दा / खरोरा। तिल्दा ब्लॉक के ग्राम मोहगाँव में कोटा से मोहदा तक बने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़क निर्माण मे अनियमितता एवं मानक आधार पर कार्य नहीं होने को लेकर सरपंच श्रीमती चैती दुर्योधन यदु द्वारा अपने गांव के सड़क के दोनों ओर नियमतः मुरम डाले जाने का निवेदन 6 मांह पूर्व ठेकादार प्रतीक शुक्ला से किया गया, जिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तथा समय निकल जाने पर बारिश का बहाना बनाया गया और स्थानीय जनप्रतिनिधि के बातो को अनसुना कर रहे हैं। आवाम दूत की टीम को सुचना मिलने पर ठेकादार और इंजीनियर से सम्पर्क किया पर उनका जवाब टालमटोल करने वाला था, उनका कहना था कि हम सरपंच से चर्चा कर लेंगे यहां तक इंजीनियर द्वारा अधूरे कार्य को स्वीकृत भी कर दिया गया। वही क्षेत्र मे ही ग्राम छड़िया से मधईपुर मुख्य मार्ग का निर्माण भी अधर मे लटका पड़ा है। स्थानीय सरपंच आशीष वर्मा द्वारा भी निरंतर रोड के दोनों ओर मुरम डालने की अपील की गयी पर यहां भी ठेकादार प्रतीक शुक्ला और इंजीनियर अजित सिंग का वही रटा रटाया जवाब था, कि करेंगे , पर सोचने वाली बात है यह हैं कि आखिर कब करेंगे ज़ब कोई दुर्घटना घटित हो तब या रोड बरसात मे बह जाए, टूट जाते तब।
ज्ञात हो की सड़क के दोनों ओर आधार और मजबूती प्रदान करने हेतु ही मुरम डाला जाता है जिससे सड़क सुंदर मजबूत और सुव्यवस्थित रहे तथा आवागमन करने वालो को कोई तकलीफ न हो पर इन्हे क्या ये तो आये और रोड बिछा कर चले गए तथा स्थानीय सरपंच के गले मे फंदा डाल गए जिससे ग्रामीण जन अपनी परेशानी का कारण सरपंच की निष्क्रियता को मानते है जिससे जनप्रतिनिधि बहुतायत संख्या मे इस ठेकादारी प्रथा और इनकी मनमर्जी से परेशान है चाहे रोड निर्माण हो नालीनिर्माण हो या पानी टंकी सभी जगह ठेकादारी और पर्सेंट का खेल व्याप्त है, जिससे गुणवत्ताविहिन निर्माण हो रहा है अब देखना होगा की शासन प्रशासन इस ओर अपनी ध्यान आकर्षित कर समस्या का समाधान किस हद तक करता है जिससे आमजन और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों को अपने अधिकार की प्राप्ति हो सके । वर्तमान मे सरपंच संघ द्वारा हड़ताल किया जा रहा है जिसमे एक विचारणीय बिंदु उनके अधिकार क्षेत्र की ठेकादारी का होना भी है,एक ठेकादार को जनप्रतिनिधि से पूर्ण विचार विमर्श पश्चात कार्य करना चाहिए जिससे वास्तविक कार्यप्रणाली विकास की ओर अग्रसर हो और आमजन को उचित लाभ मिल सके।