राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी,आठ IIT संस्थानों में नए निदेशकों की नियुक्ति….
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी ने देश के आठ अलग-अलग IIT संस्थानों के निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए सोमवार रात बताया कि राष्ट्रपति से मिली स्वीकृति के उपरांत अब इन सभी आईआईटी संस्थानों को नए निदेशक मिल सकेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जिन आईआईटी संस्थानों के निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है उनमें आईआईटी गोवा, आईआईटी पलक्कड़,आईआईटी तिरुपति, आईआईटी धारवाड़, आईआईटी भुवनेश्वर, आईआईटी गांधीनगर, आईआईटी भिलाई और आईआईटी जम्मू शामिल हैं।
राष्ट्रपति देश के सभी आईआईटी संस्थानों की विजिटर हैं
गौरतलब है कि भारत की राष्ट्रपति देश के सभी आईआईटी संस्थानों की विजिटर हैं। इस नाते यहां निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार भी राष्ट्रपति को हासिल है। अपने इन्हीं अधिकारों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने आईआईटी पलक्कड़ के लिए प्रोफेसर ए शेषाद्री शेखर को निदेशक नियुक्त किया है जबकि आईआईटी तिरुपति के निदेशक पद पर प्रोफेसर केएन सत्यनारायण और आईआईटी धारवाड़ के निदेशक पद पर प्रोफेसर वैंकप्पय्या आर देसाई को नियुक्त किया गया है।
IIT भिलाई के नए निदेशक बने प्रोफेसर प्रकाश
वहीं आईआईटी भिलाई के लिए राष्ट्रपति ने प्रोफेसर राजीव प्रकाश को निदेशक नियुक्त किया है। आईआईटी गांधीनगर के नए निदेशक प्रोफेसर रजत मूना होंगे। आईआईटी भुवनेश्वर के नए निदेशक प्रोफेसर श्रीपद कमलाकर हैं। राष्ट्रपति ने आईआईटी गोवा के निदेशक पद पर प्रोफेसर पासुमार्थी सेशु को निदेशक नियुक्त किया है। इसी तरह आईआईटी जम्मू के लिए प्रोफेसर मनोज सिंह गौड़ को निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है।
हमारे समाज को समस्त आईआईटी से काफी उम्मीदें – शिक्षा मंत्री
इससे पहले सोमवार को हुए कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आईआईटी सिर्फ शैक्षणिक संस्थान ही नहीं हैं, बल्कि वे वैज्ञानिक सोच विकसित करने और मानवता का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने वाले मंदिर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे समाज को समस्त आईआईटी से काफी उम्मीदें हैं। आईआईटी में शिक्षा प्राप्त करने वाले हमारे विद्यार्थियों को प्रगति और विकास का पथ प्रदर्शक बनना होगा। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पूरी दुनिया ब्रेन रिसर्च सेंटर से लाभान्वित होने के लिए आईआईटी मद्रास आएगी। थ्रीडी-प्रिंटिंग तकनीक जैसे नायाब आइडिया निर्माण क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं, विस्थापन के मुद्दों को हल करने में काफी मदद कर सकते हैं और गरीबों को सम्मानजनक जीवन दे सकते हैं।