
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में APL (एबव पॉवर्टी लाइन) से BPL (बिलो पॉवर्टी लाइन) राशन कार्ड में किए गए परिवर्तनों को लेकर मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से पूछा कि कितने APL राशन कार्डों को BPL में बदला गया है और इसके पीछे क्या प्रक्रिया अपनाई गई। विधायक ने कहा कि, राज्य शासन ने ऐसे बदलाव से इनकार किया है, लेकिन बिलासपुर जिला प्रशासन ने ऐसे ही संबंधित मामलों में एक FIR दर्ज करायी है।
सुशांत शुक्ला ने आरोप लगाया कि राशन कार्डों के वर्ग परिवर्तन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं और भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह बिना पारदर्शिता के APL कार्ड को BPL में बदला जाएगा, तो इससे वास्तविक जरूरतमंदों के हक पर असर पड़ेगा। सरकार की ओर से खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने सदन को बताया कि कुल 19 राशन कार्डों के परिवर्तन के संबंध में जांच की गई है। जांच में यह सामने आया कि 15 मामलों में संबंधित हितग्राहियों की सहमति ली गई थी। वहीं चार राशन कार्ड जोन कमिश्नर की अनुशंसा पर बनाए गए थे। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जांच के उपरांत ही यह जानकारी सामने आई है और पूरी प्रक्रिया नियमानुसार की गई।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने इस मुद्दे पर और गहराई से चर्चा की मांग की। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश के पूरे राशन कार्ड सिस्टम में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की आवश्यकता है। उन्होंने राशन कार्ड से जुड़े मामलों पर आधे घंटे की चर्चा कराने की मांग करते हुए कहा कि केवल जांच से नहीं, बल्कि व्यापक समीक्षा से ही व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सकता है। भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने भी अजय चंद्राकर की मांग का समर्थन करते हुए आधे घंटे की चर्चा कराने की बात कही। उन्होंने APL से BPL में परिवर्तन को एक गंभीर विषय बताया और कहा कि इस मामले की जांच विधायकों की समिति से कराई जानी चाहिए, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।
सुशांत शुक्ला ने आगे कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए विधानसभा की हाईपावर कमेटी गठित की जानी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जा रहा है और यह मामला सिर्फ कुछ राशन कार्डों तक सीमित नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था से जुड़ा है।
इस बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने भी कहा कि मंत्री की मंशा ठीक है, लेकिन अफसर गलत जवाब दिलवा रहे हैं, जिससे सदन में भ्रम की स्थिति बन रही है। APL से BPL राशन कार्ड परिवर्तन का मामला सदन में नोकझोंक का कारण बना रहा।



