रायपुर। हसदेव वन कटाई को लेकर मंत्री टीएस सिंहदेव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अब क्या माने की पेड़ काटेंगे ही नही ये किस दिशा में लेकर हम जा रहे हैं। आज जो माइंस में काम हो रहा है जो 2011 में अनुमति मिल चुकी है। स्वयं आंदोलनकारियों से मेरी चर्चा हुई है।
उनका यह कहना था कि जो माइन 2011 में प्रारंभ की गई थी। उस माइंनस पर आंदोलन खड़ा ही नहीं किया गया था। आज जो आंदोलन हो रहा है वह 2011 के बाद के नए – लाइंस लेकर है। मोदी सरकार ने जो नए खदान खोल रहे हैं उस पर आपत्ति है नए माइंस में पेड़ नहीं कटे ये मेरा नहीं वँहा के ग्रामीणों के द्वारा उठाया गया मुद्दा है। भोजपुरी आंदोलन से जुड़े हुए लोग और उनकी ओर से उनका कहना है कि पुराने माइंस पर उनको आपत्ति नहीं है। फर्जी ग्राम सभा के आधार पर नए माइंस की कोशिश की गई थी। पीएम मोदी ने अब वहां माइनिंग के लिए अनुमति दी है। वहां आंदोलनकारी ने माइंस को नहीं खुलने देकर विरोध कर रहे हैं।