जिला प्रशासन की ओर से विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों की बदली जीवन दशा,697 व्यक्तियों को दिया गया व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा
जशपुरनगर।
जशपुर जिला प्रशासन की ओर से विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों की जीवन की दशा बदलने के लिए कई प्रयास किये जा रहे है, जिससे समुदाय के लोग की अब आर्थिक और सामाजिक प्रगति की कर रहे है। निश्चित ही आने वाले समय में पहाड़ी कोरवा समाज के लिए एक मिसाल बनेंगे। जिस तरह से जिला प्रशासन पहाड़ी कोरवा जनजाति के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य क़ृषि रोजगार, स्वरोजगार और अन्य क्षेत्रों में प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रहा है, उसमें आने वाले समय वे तेजी से दौड़ते हुए दिखेंगे।
पिछले दो साल में जिला खनिज न्यास निधि से 115 विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के शिक्षित युवक युवतियों को अतिथि शिक्षक की नौकरी दी गईं है। इसके अतिरिक्त पूर्व में 36 को शिक्षक, तृतीय श्रेणी के पदों पर 23, चतुर्थ श्रेणी 33, चतुर्थ श्रेणी 221 पदों पर भर्ती की गईं है। अब तक पहाड़ी कोरवा समुदाय के कुल 428 शिक्षित युवक युवतियों को शासकीय नौकरी में नियुक्ति प्रदान कर उनके जीवन में खुशियों का नया रंग भर दिया गया है।
जिला प्रशासन की सोंच है कि विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के बदलाव और उनके उत्थान का एकमात्र रास्ता शिक्षा है, जिसके माध्यम से वे विकास के अनेक सोपान तय कर सकते है इसके लिए आदिम जाति विकास विभाग की ओर से उनके लिए छात्रावास आश्रम की स्थापना की गईं है। जिसमें वर्तमान में कुल 850 बालक बालिका है। पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चों के लिए पृथक से पहाड़ी कोरवा आवासीय विद्यालय रूपसेरा में स्थापित है, जहां कक्षा 1लीं से 10 तक प्रत्येक कक्षा में 10 बालक और 10 बालिकाओं के लिए सीट स्वीकृत है, जिसमें 200 सीटें स्वीकृत है। इसके अतिरिक्त भी कई अन्य स्कूलों में पहाड़ी कोरवा बच्चे अध्ययनरत है। पहाड़ी कोरवा बालिकाओं के लिए तीन कन्या व एक बालक आश्रम को आदर्श आश्रम के रूप में विकसित किया गया है। जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कुल 71 बच्चे, प्रयास आवासीय में 2 बच्चे अध्ययनरत है।