छत्तीसगढ़ राज्य के गठन को आज पूरे हुए 23 साल,जानिए हमारे राज्य का नाम कैसे पड़ा छत्तीसगढ़
रायपुर:
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन को आज 23 साल पूरे हो गए है. इस खास मौके यानी राज्य स्थापना दिवस पर आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साइंस कॉलेज मैदान में सुबह 11 बजे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव का शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री के हाथों 1 नवम्बर को ही कलेक्ट्रेट परिसर रायपुर में शाम 6.10 बजे पर‘छत्तीसगढ़ महतारी‘ की मूर्ति का अनावरण होगा। इसके पश्चात वे शाम 7 बजे साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं अलंकरण समारोह में शामिल होंगे।
छत्तीसगढ़ भारत का एकमात्र राज्य है, जिसे ‘महतारी’ (माँ) का दर्जा प्राप्त है. विभिन्न संस्कृतियों का केंद्र रहा छत्तीसगढ़ आज भी अपने प्राचीन मंदिरों के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है.प्राचीन भारत के दौर से ही भारत को गौरवान्वित करने के बाद आज भी छत्तीसगढ़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनिया भर में जाना जाता है.
1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया था. साल 2000 में जुलाई में लोकसभा और अगस्त में राज्यसभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी. जिसके बाद 4 सितंबर 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन के बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में दर्ज हो गया. इस इलाके की भाषा को छत्तीसगढ़ी कहा जाता है. छत्तीसगढ़ी के अलावा भी राज्य में माढ़िया, हल्बी, गोंडी जैसी भाषा बोली जाती हैं.
छत्तीसगढ़ नाम के इर्द-गिर्द कई कहानियां प्रचलित हैं. कहा जाता है कि करीब 300 साल पूर्व गोंड जनजाति के शासनकाल में यहाँ गोंड राजाओं के 36 किले थे, जिनके आधार पर इसे छत्तीसगढ़ नाम दिया गया.
कुछ इतिहासकारों के अनुसार कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किलों (शिवनाथ नदी के उत्तर में कलचुरियों की रतनपुर शाखा के 18 गढ़ और दक्षिण में रायपुर शाखा के 18 गढ़) को मिलाकर इसे छत्तीसगढ़ नाम दिया गया था. इससे पूर्व इस पूरे क्षेत्र को कौशल राज के नाम से जाना जाता था.