
निजी होटल में गरबा को लेकर मचा बवाल ! हिन्दू संगठनों ने विरोध करते दी आंदोलन की चेतावनी…
अंबिकापुर। नवरात्रि के अवसर पर अंबिकापुर के निजी होटलों में आयोजित किए जा रहे गरबा कार्यक्रमों को लेकर शहर में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विभिन्न हिंदू संगठनों ने इन कार्यक्रमों पर कड़ा विरोध जताया है और प्रशासन से तत्काल इन्हें बंद कराने की मांग की है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।
हिंदू संगठनों का कहना है कि गरबा एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसे परंपरागत तरीके से मंदिर परिसरों या सामूहिक सार्वजनिक स्थलों पर ही आयोजित किया जाना चाहिए। उनका आरोप है कि निजी होटलों में आयोजित हो रहे गरबा कार्यक्रमों में गरिमा और मर्यादा का पालन नहीं किया जा रहा, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं।
माहौल को दूषित करने का आरोप
इस संबंध में गुरुवार को संगठन के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आयोजकों पर धार्मिक आयोजनों की आड़ में व्यावसायिक लाभ उठाने और माहौल को दूषित करने का आरोप लगाया गया है। साथ ही ये भी मांग की गई है कि निजी होटलों में होने वाले सभी गरबा कार्यक्रमों को तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाए।
युवाओं के लिए गलत संदेश
हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन द्वारा इस मामले में जल्द कदम नहीं उठाया गया तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि गरबा जैसे पवित्र आयोजन को व्यावसायिक रंग देना न केवल परंपरा के खिलाफ है, बल्कि इससे युवाओं में गलत संदेश भी जाता है।
आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई
प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि ज्ञापन की जांच की जा रही है और आवश्यकतानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आयोजनों पर नजर रखी जा रही है और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम के चलते शहर में गरबा कार्यक्रमों को लेकर बहस छिड़ गई है। जहां कुछ लोग धार्मिक मूल्यों की रक्षा की बात कर रहे हैं, वहीं अन्य वर्ग निजी आयोजनों के अधिकार और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत कर रहे हैं।