गरीब सवर्णों को मिलेगा 10% आरक्षण,सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ का बड़ा फैसला
रायपुर। गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण देने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों को आरक्षण का फैसला जारी रहेगा। इस मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच कर रही है।
3 जजों ने आरक्षण को सही बताया है, जबकि दो जजों ने आरक्षण से असहमति जताई है। 10 प्रतिशत आरक्षण को 3:2 से बरकरार रखा गया है। वहीं, इससे पहले याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस वक्त सुप्रीम की संवैधानिक पीठ अपना आदेश पढ़ रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किस जज ने क्या कहा….
सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है। पांच में से तीन जजों ने गरीब सवर्णों के आरक्षण के सरकार के फैसले को संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन नहीं माना है। यानी अब आगे ये आरक्षण जारी रहेगा। ईडब्ल्यूएस के पक्ष में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट के अनुसार सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी एक साथ फैसला सुनाया। वहीं जस्टिस एस रवींद्र भट्ट, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने अलग-अलग फैसला बढ़ा।
आपको बता दें कि जनवरी 2019 में 103वें संविधान संशोधन के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में EWS आरक्षण लागू हुआ। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK सहित कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे चुनौती दी। पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने मामले की साढ़े छह दिन तक सुनवाई के बाद 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित 8 नवंबर, यानी कल रिटायर हो रहे हैं।