बिलासपुर में कल आयोजित हुआ 45 वां राउत नाचा महोत्सव,प्रदेश भर से बिलासपुर पहुंचे यदुवंशी और नर्तक दल
बिलासपुर के लालबहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में शनिवार शाम से देर रात तक राउत नाचा की धूम रही l प्रदेश भर से इस महोत्सव में शामिल होने आये नर्तक दल सुबह से ही एकत्र होने लगे l गड़वा बाजा और मुरली की तान पर, रंग-बिरंगे कपड़ों पर कौड़ियां जड़ी जैकेट और अलग-अलग तरह की चमकदार रंगीन टोपियों से सजे कलाकार जब थिरकने लगे तो मैदान में हर कोई झुमने लगा l
45वें राउत नाचा महोत्सव में राज्य भर से यदुवंशी शामिल हुए।
तिफरा के दल ने सबसे पहले परफॉर्मेंस दी। इसके बाद परसदा के दल की प्रस्तुति हुई। वहीं इस बीच श्रीकृष्ण यादव झेरिया समाज गुमा रायपुर का दल आया। इनके दल में बच्चे थे। वहीं इस दल में नृत्य की प्रस्तुति बच्चियां भी दे रहीं थी। इस टीम ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया। दलों ने लाठी चालन के साथ कलम चलाने का भी संदेश दिया। बच्चों के लिए शिक्षा को बेहद जरुरी बताया।
इसके बाद स्कूल परिसर में बने स्वागत द्वार से ये दल एक-एक कर भीतर प्रवेश करते गए और तुलसी, कबीर, सूरदास और निदा फाजली के दोहों के साथ ही लोकगीतों पर कला का प्रदर्शन किए। 80 से अधिक दलों के कलाकारों ने सामाजिक संदेश और कृष्ण भक्ति के दोहों के साथ राउत नाच का प्रदर्शन किया। राउत नाच महोत्सव में हर बार अलग तरह के कुछ दोहे सामने आती हैं और अलग तरह के नृत्य भी। इस बार दोहों में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं का संदेश दिया गया l बाते जाता है की बिलासपुर में राउत नाचा महोत्सव की सही मायने में शुरुआत 1978 में हुई थी। यह पूरे राज्य का सबसे बड़ा राउत नाचा महोत्सव है l