इंदिरा गांधी की 105वीं जयंती आज, पढ़ें देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के अनमोल विचार
आज भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 105वीं जयंती है। 19 नवंबर 1917 में इंदिरा गांधी का जन्म पंडित जवाहर लाल नेहरू के घर में हुआ था। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 105वीं जयंती पर दिल्ली के शक्ति स्थल पर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इंदिरा गांधी की जयंती पर ट्वीट कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। देश की पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती के अवसर पर नेताओं सहित देशभर में उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी जा रही है।
कांग्रेस ने ट्वीट कर किया सलाम
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘श्रीमती इंदिरा गांधी को उनके 105वें जन्मदिन के अवसर पर हम याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, इंदिरा गांधी साहस की पर्याय थीं – उन्होंने अमीरों के एकाधिकार को तोड़ दिया, गरीबों की देखभाल की और भारत के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए शक्तिशाली राष्ट्रों को ललकारा।
राहुल गांधी ने दादी की प्रशंसा की
देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जिन्हें भारत की ‘लौह महिला’ के रूप में जाना जाता है। उनकी जयंती के अवसर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दादी इंदिरा गांधी की प्रशंसा करते हुए ट्वीट कर कहा – आज़ादी के संग्राम में पली, भारत के महान नेताओं से सीखी पढ़ी, पिता की लाडली थी वो। देश के लिए दुर्गा, दुश्मनों के लिए काली थी – निडर, तेजस्विनी, प्रियदर्शिनी।
शासन के खिलाफ बनाई थी बच्चों की वानर सेना
महज 11 साल उम्र में इंदिरा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की वानर सेना बनाई थी। 1938 में वह औपचारिक तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुईं। जब नेहरू जी प्रधानमंत्री बने तो इंदिरा ने सरकार के लिए कार्य करना शुरू किया। हालांकि अब तक इंदिरा को शांत, मूक गुड़िया जैसा माना जाता था। पंडित नेहरू के बाद इंदिरा ने पिता की राजनीतिक विरासत संभाली और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने अपनी सरकार में बहुत ही दमदार और बड़े फैसले लिए। इंदिरा गांधी के ये फैसले इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गए। उन्हें देश की आयरन लेडी भी कहा जाता था
प्रेरणादायक विचार
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत में ताकत का प्रतीक एक महिला है- शक्ति की देवी
यह कभी मत भूलो कि जब हम चुप हैं, तो हम एक हैं और जब हम बात करते हैं तो हम दो हैं।
लोग अपने कर्तव्य भूल जाते हैं लेकिन अपने अधिकार उन्हें याद रहते हैं।
जिंदगी का उद्देश्य विश्वास करना, उम्मीद करना और चेष्टा करना है
साहस के बगैर आप कोई अच्छा काम नहीं कर सकते हैं।