खैरागढ़ विश्वविद्यालय में शास्त्रीय नृत्य की शानदार प्रस्तुति के साथ कथक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज
खैरागढ़। शास्त्रीय नृत्य की शानदार प्रस्तुति के साथ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में कथक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ हो चूका है। पहले दिन, प्रथम सत्र में कथक पर सार्थक चर्चा के बाद शाम को कुलपति पद्मश्री डॉ. मोक्षदा (ममता) चंद्राकर की उपस्थिति में इंदौर की सुविख्यात कथक नृत्यांगना डॉ. सुचित्रा हरमलकर ने नृत्य की प्रस्तुति दी।
मध्यप्रदेश के मंदसौर में जन्मी और छत्तीसगढ़ के रायगढ़ घराने से कथक की शिक्षा-दीक्षा लेने वाली नृत्यांगना सुचित्रा की मनमोहक प्रस्तुति ने विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में खूब तालियां और वाहवाही बटोरीं। इस प्रस्तुति के दौरान प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर प्रेम चंद्राकर भी उपस्थित थे।
कथक नृत्य की स्थिति पर गहन विचार-विमर्श
बता दें कि कथक के राष्ट्रीय विशेषज्ञों की उपस्थिति में 21 नवंबर से प्रारंभ दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में आजादी के बाद समाज में कथक नृत्य की स्थिति पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ द्वारा आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में पहले दिन मुख्य अतिथि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की पूर्व कुलपति डॉ. पूर्णिमा पांडे लखनऊ रहीं।
अध्यक्षता इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति डॉ. मोक्षदा (ममता) चंद्राकर के संरक्षण में जारी इस संगोष्ठी सभा में कथक विशेषज्ञ महिलाओं, पुरुषों, संस्थागत की दृष्टि, गुरुकुल परंपरा, संचार के माध्यम, साहित्य की दृष्टि से कथक की स्थिति पर संवादपरक चर्चा कर रहे हैं
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. आईडी तिवारी ने पूरे कार्यक्रम के सम्बन्ध में बताया कि नृत्य संकाय की अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. नीता गहरवार के संयोजन में यह दो दिवसीय आयोजन किया जा रहा है।
आज प्रथम सत्र की शुरूआत होगी। सत्र की अध्यक्षता खैरागढ़ से प्रोफेसर डॉ ज्योति बख्शी करेंगी। विशेषज्ञों में दिल्ली से डॉ. कविता ठाकुर, डॉक्टर समीक्षा शर्मा औरआमंत्रित शोधार्थी और अन्य शामिल हैं। प्रायोगिक चतुर्थ सत्र शाम छह बजे से प्रारंभ होगा। सत्र के विशेषज्ञ के रूप में दिल्ली से डॉ. कविता ठाकुर व डॉ. समीक्षा शर्मा, कुलपति डॉ. चंद्राकर संबोधित करेंगी।
आभार प्रदर्शन नृत्य संकाय की अधिष्ठाता प्रो. डॉ. नीता गहरवार द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शोधार्थी, कलाप्रेमी और अन्य गणमान्य शामिल हो रहे हैं।