आरंगछत्तीसगढ़रायपुर

गुरू अगम दास की जयंती को सतनामी सम्मान दिवस के रूप में मनाना समाज के लिए गर्व की बात: मनहरे

आरंग। मंदिर हसौद में आयोजित जगत गुरु अगमदास जयंती पर्व व सतनामी स्वाभिमान दिवस एवं गुरुदर्शन मेला में कार्यक्रम के अवसर पर गुरु रिपु दमन जी के हाथों पूजा पाठ संपन्न कराया गया। इस अवसर पर कौशल माताजी विशेष रूप से मौजूद रही।

इस अवसर पर समाज के लोगों को गुरु गोसाईं अगमदास जयंती पर्व सामाजिक स्वाभिमान दिवस एवं गुरुदर्शन मेला की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए बेदराम मनहरे ने कहा कि सतनामी समाज लगातार प्रगति की ओर अग्रसर है। उन्होंने लोगों से परम पूज्य संत शिरोमणि गुरु बाबा घासीदास जी के बताए मार्ग में चलने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि बाबा गुरू घासीदास जी और गुरु गोसाई अगमदास जी का संपूर्ण जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने कहा कि गुरु अगमदास जी के द्वारा किए गए के आंदोलन की सफलता के कारण ही समाज के लोगों को सतनामी कहलाने का श्रेय मिला है। आज हमारे समाज के लोग सभी क्षेत्र में अपनी सहभागिता निभा रहे है। आगे अपने उद्बोधन में उन्होंने यह भी कहा कि गुरूगोसाई अगमदास जी का जीवन चरित्र समस्त मानव समाज के लिए प्रेरणादायी है।गुरू अगमदास जी अपनें पिता श्री गुरू अगरमनदास जी के सामाजिक राजनैतिक व समाजोत्थान के कार्यो में सहयोग के साथ ही समकालिन ब्रिटिश शासन, तथा सामंतवादियों के जुल्म अत्याचार के खिलाफ सतनामी समाज के युवाओं को जोड़कर सतनामी सेना को मजबुती प्रदान किया गया। एवं अपनें पिता के निर्देशानुसार समाज के योग्य मेहनती व विवेकी लोगों की सुचीबद्व विवरण तैयार कर 108 मंहतों की नियुक्ति प्रदान कर उन्हे सामाजिक व्यवस्था संचालन व कर्तव्य पद पालन की जिम्मेदारी दिया गया। साथ ही कण्ठी जनेऊ और चंदन तिलक सतनामियों की पहचान है,सफेद झण्डा समाज की शान है को गुरूगोसाई अगमदास जी ने चरितार्थ किया।

मनहरे ने अपने उद्बोधन में यह भी बताया कि गुरू अगमदास जी सर्वसमाज को साथ लेकर जनजागृति व सामाजिक समानता की स्थापना हेतु राष्ट्रीय स्तर पर जन आंदोलन कर अपने सतनाम उद्देश्य योजना में सफलता हाषिल किया। तत्कालिन ब्रिटिश षासन गुरूगोसाई के नेतृत्व क्षमता व उत्कृष्ट प्रदर्शन तथा लोगो का अपार जनसमर्थन देख सन् 1925 में सी.पी. बरार कौशिल के अंग्रेज शासन काल में मान. सांसद की उपाधी प्रदान किया। गुरू बालकदास जी को राजा की उपाधी के बाद ब्रिटिश शासन काल में ही गुरू अगमदास जी को मान. सांसद की उपाधी मिलना सतनामधर्म के अनुयायीओं के लिए ऐतिहासिक पल रहा। हम सभी उनके बताए मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ते हुए सभी क्षेत्रों में समाज का वर्चस्व और अधिक बढ़ाएंगे इसी के साथ इस कार्यक्रम के लिए उन्होंने समाज को बधाई और शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अश्वनी बबलू त्रिवेंद्र (समस्त सतनामी समाज युवा अध्यक्ष), अशोक बंजारे सरपंच बहनाकाड़ी, भागी गहने, तिजू गहने, अश्वनी चेलक, मुकेश कुर्रे जी, रामदयाल माहेश्वरी, सुकलू बर्मन, नंदलाल भट्ट, प्रकाश चेलक,रामकुमार , योगेन्द्र भारती, परमा बंजारे, विकास गायकवाड़ अन्य समाज के लोग उपस्थित थे।

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