बाबा गुरु घासीदास की 266वीं जयंती,वेदराम मनहरे ने दी बधाई
आरंग। सतनामी समाज ने 18 दिसंबर, गुरुवार को बाबा गुरु घासीदास की 266वीं जयंती धूमधाम से मनाई। गुरु घासीदास बाबा की जयंती के अवसर पर नशा मुक्ति अभियान के प्रदेश प्रभारी वेदराम हरे ने आरंग क्षेत्र के कई स्थानों पर जाकर पालो चढ़ाया। आरंग के ग्राम भैसा, कोसरंगी और अमेठी मे गुरु घासीदास बाबा की पूजा अर्चना कर सभी की बधाई देते हुए वेदरम मनहरे ने कहा कि समाज में छुआछूत, जाति-पाँति, अंधविश्वास, टोनही, सती प्रथा, बलि प्रथा जैसी कुरीतियों का प्रचलन था, जिसका अनुभव बाबा गुरु घासीदास ने स्वयं किया और उनके दर्शन पर भी इसका प्रभाव पड़ा।
उन्होंने ये भी कहा कि बाबा गुरु घासीदास हर घटना को तर्कशील होकर चिंतन करते और लोगों में सामाजिक अलख जगाने का प्रयास करते। बाबा गुरु घासीदास सभी मनुष्यों को समान समझते थे। जातिभेद को अपराध मानते थे। उनके दर्शन काल्पनिक न होकर वास्तविक एवं व्यवहारिक है। बाबा घासीदास के आध्यात्मिक, सामाजिक एवं नैतिक दर्शन सदैव ही मानवतावादी दृष्टिकोणों का संवाहक रहा है। बाबा घासीदास ने सत्य को ही ईश्वर माना है। गुरु घासीदास के दर्शन को सतनाम दर्शन के नाम से आज जाना जाता है इस अवसर पर सभी स्थानों में गुरु घासीदास बाबा के बताए मार्ग पर चलने का समाज के भाइयों बहनों ने संकल्प लिया।