मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के बेहतर क्रियान्वयन से कुपोषित बच्चे मयंक को मिली सेहत की सुरक्षा
जांजगीर चांपा 31 दिसंबर । मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले में एनीमिक महिलाओं और कुपोषित बच्चों के पौष्टिक खानपान पर विशेष बल दिया जा रहा है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा पौष्टिक भोजन के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच करते हुए एनीमिया और कुपोषण से जिले को पूरी तरह मुक्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए जाते हैं। जिसके कारण जिले में एनीमिक महिलाओं सहित जिले के कुपोषित बच्चे भी कुपोषण से मुक्त होकर सामान्य स्तर पर सफलतापूर्वक आ रहे हैं। इसी क्रम में ग्राम तनौद के नारद कर्ष और श्रीमती खुशी कर्ष के पुत्र मयंक कर्ष जो 2 वर्ष 11 माह के है, बच्चे मयंक का जून 2022 में मध्यम पोषण स्तर के साथ वजन 10.3 किलोग्राम था तथा मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के बेहतर क्रियान्वयन से नवंबर 2022 में मयंक का पोषण सामान्य स्तर पर पहंुचकर और वजन 11.3 किलोग्राम हो गया है ।
जिले में योजना से कुपोषित एवं कमजोर बच्चे मयंक कर्ष की सेहत को सुरक्षा मिली और उसके चेहरे पर मुस्कान बिखर पाई। महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के एकीकृत बाल विकास परियोजना पामगढ़ अंतर्गत परिक्षेत्र खरौद के आंगनबाड़ी केंद्र तनौद (भाटापारा) में बालक मयंक कर्ष का नाम भी दर्ज है। जिसका वजन कम होने के कारण इसका पोषण स्तर मध्यम था। माह जुलाई 2022 में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत मयंक को गर्म भोजन, चावल, दाल, रसेदार सब्जी (सोयाबीन, बड़ी, चना) अचार, पापड़, सलाद, गुड़ दिया गया। इसके साथ ही अगस्त 2022 से सोमवार तथा गुरुवार को अंडा नियमित रूप से दिया गया। साथ ही कार्यकर्ता द्वारा पोषण वाटिका में विकसित किए गए मौसमी फल और सब्जियों से आंगनबाड़ी के बच्चों को लाभान्वित भी किया गया। योजना अंतर्गत होने वाले स्वास्थ्य शिविरों में बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया।
कार्यकर्ता द्वारा बच्चों के पोषण स्तर की निगरानी करते हुए गृहभेट द्वारा स्वच्छता एवं पोषण के संबंध में पालको को जागरूक भी किया जाता है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के सफलतम प्रयास के फलस्वरूप मयंक कर्ष वर्तमान में सामान्य पोषण स्तर पर है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2019 से प्रदेश में बच्चों में कुपोषण के स्तर और महिलाओं में एनीमिया को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया गया है। जिले में संबंधित विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर कुपोषण को दूर करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) के माध्यम से सुपोषित भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एवं पोषण पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से बच्चे एवं हितग्राही लाभान्वित हो रहें है।