पुलिस ने बड़ी कार्रवाई : जीवित महिला को मृत बताकर उसके नाम से शासन की योजनाओं में फर्जीवाड़ा ,लुट लिए लाखों रुपए
बलौदाबाजार। पलारी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. जीवित महिला को मृत बताकर उसके नाम से शासन की योजनाओं में फर्जीवाड़ा किया गया. मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दिव्यांग सहायता योजना के तहत लाखों रूपये का फर्जीवाड़ा किया. पैसे निकाल लिए गए. आहरित करने वाले एक महिला सहित चार पुरुष को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस मामले में संलिप्त विभागीय अधिकरियों कर्मचारियों की भी जांच मे जुट गई है, जिनके भी शीध्र गिरफ्तारी की संभावना है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सचिन्द्र चौबे ने बताया कि प्रार्थी संतरा बाई निवासी गोड़ा थाना पलारी के लिखित रिपोर्ट पर कि आरोपीया मंजू मनहरे और अन्य ने प्रार्थी के जीवित रहते हुए फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र और फर्जी खाता खुलवाया. श्रम विभाग से मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु दिव्यांग सहायत योजना के तहत ₹1,00,000 की राशि का गबन किया.
पुलिस ने मामले की रिपोर्ट पर थाना पलारी में अपराध क्र. 373/22 धारा 420,467 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा के दिशा निर्देश पर विवेचना की गई. नगर पंचायत कसडोल से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र, ग्रामीण बैंक बलौदाबाजार से फर्जी खाता और श्रम विभाग से जानकारी ली गई. श्रम विभाग से योजना के तहत संतरा बाई को स्वीकृत राशि के संबंध में चौंकाने वाली जानकारी मिली. प्राप्त जानकारी और सभी पहलुओं पर बारिकी से जांच करने पर पाया गया. मंजू मनहरे जो छत्तीसगढ भवन सहनिर्माण मजदूर संघ की सदस्य है, जो उक्त संघ के उपाध्यक्ष राजेश मधुकर से मिलकर श्रम विभाग से श्रम कार्डधारी हितग्राहियों का मृत्यु होने पर योजना के तहत राशि दिलाने का काम करते थे.
प्रार्थी संतरा बाई का श्रम कार्ड, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और इसके पति नोहर का आधार कार्ड धोखे से संतरा बाई से प्राप्त किया. अपने साथी राजेश मधुकर से मिलकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए. एक अन्य आरोपी अमर रात्रे के माध्यम से नगर पंचायत कसडोल में कार्यरत कम्प्यूटर सहायक गिरजाशंकर साहू ने फर्जी तरीके से मृत्यु पंजीयन कर जीवित महिला संतरा बाई का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराया गया. मृत्यु प्रमाण पत्र बनने के बाद आरोपी राजेश मधुकर ने श्रम विभाग से सांठ-गांठ कर मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु दिव्यांग सहायता योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन किया. नामिनी नोहर राम के नाम से कियोस्क सेंटर बिटकुली के संचालक भूपेन्द्र कोसले द्वारा फर्जी तरीके से नोहर के नाम से छत्तीसगढ राज्य ग्रामीण बैंक में फर्जी खाता खोला गया. इस प्रकार मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु दिव्यांग सहायता योजना के तहत 1,00,000 की राशि नोहर के फर्जी खाते में श्रम विभाग द्वारा डाला गया, जिसको आरोपी मंजू मनहरे, राजेश मधुकर एवं भूपेन्द्र कोसले द्वारा आहरण कर निकालते हुए राशि को आपस में बांट लिए. करीब तीन चार माह बाद पटवारी जांच से संतरा बाई का जीवित होने की जानकारी मिली. आरोपियों ने घटना को छिपाने के लिए एक लाख रूपये श्रम विभाग में नोहर राम के नाम से फर्जी आवेदन देकर जमा कर दिया.