अमरूद की पैदावार पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक हुई
जांजगीर। देर तक मानसून सक्रिय रहने का फायदा अमरूद फल के उत्पादन में किसानों को मिला है। अधिक बारिश होने के कारण इस साल शासकीय नर्सरियों के अमरूद के पेड़ में अच्छे फल आए। जिले के नौ शासकीय नर्सरियों में से 5 नर्सरी में इस साल अमरूद की पैदावार पिछले साल की तुलना में अधिक हुई। पिछले साल फसल अच्छी नहीं होने के कारण केवल तीन नर्सरियों में ही अमरूद के फल लगे थे।
इन फलों की नीलामी से उद्यान विभाग को 39 हजार 471 रुपए मिले थे। जबकि इस साल पांच नर्सरियों के फलों की नीलामी 81 हजार रुपए में की गई है। जिले में पुटपुरा, डोड़की, कचंदा, मुड़पार, करनौद, भूतहा, चुरतेला, चारपारा, अमोरा में अमरूद के पौधे हैं। इस साल जिले का वातावरण अनुकुल होने से फायदे का सौदा साबित हुआ है। केवल चार सरकारी नर्सरी ऐसे हैं, जहां पर अमरूद के फल ठीक से नहीं आए। अन्य 5 नर्सरी में विभाग को पिछले साल की तुलना में अधिक लाभ हुआ है।
पुटपुरा, चारपारा, कचंदा, चुरतेला, करनौद, नर्सरी से 81 हजार रुपए से अमरूद की नीलामी हुई है। डोड़की, भूतहा, मुड़पार व अमोरा नर्सरी में इस साल अमरूद की फसल कम हुई है। इस साल अमरूद के लिए वातावरण अनुकुल इसलिए मिला फायदा पुटपुरा के उद्यान अधीक्षक टिकेश्वर दिवाकर ने बताया कि इस साल अमरूद के लिए वातावरण अनुकूल है। इसलिए अभी तक पेड़ पर फल आ रहे हैं।
इस साल देर तक मानसून सक्रिय रहने के कारण अधिक मात्रा में फल आए हैं। अकलतारा के ग्राम अमोरा नर्सरी में घट रही पैदावार अकलतरा ब्लॉक के ग्राम अमोरा में सरकारी नर्सरी है। यहां आम, अमरूद के बगीचे हैं। अमोरा नर्सरी में देखरेख नहीं होने के कारण फलों की पैदावार घट रही है।
साल 2021-22 में अमरूद की पैदावार नहीं के बराबर हुई थी। साल 2022-23 में यहां आम व अमरूद की पैदावार नहीं के बराबर हुई। इस साल भी वहां अमरूद की पैदावार ठीक नहीं हुई है।